शरीर में कोई भी गड़बड़ी होने पर हम सीधा डॉक्टर के पास भागते हैं और डॉक्टर भी झट से हमारी जीभ को देखकर बीमारी का पता लगा लेता है. हम दवा लेकर घर का रुख कर लेते हैं, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर डॉक्टर जीभ में ऐसा क्या देखता है, जिससे वो हमारे शरीर की बीमारी के बारे में पता लगा लेता है. दरअसल में डॉक्टर जीभ में बदलावों को देखकर शरीर में पनप रही बीमारियों का पता लगा लेते हैं. जीभ के कलर और रंगत को देखकर डॉक्टर को पता चल जाता है कि शरीर में कुछ गड़बड़ है.
रंग और एनीमिया-
डॉक्ट के पास जाने पर वो सबसे पहले हमारी जीभ देखते हैं और पता लगाने की कोशिश करते हैं कि परेशानी क्या है. इस दौरान डॉक्टर दरअसल में चीभ का रंग देखते हैं. वो पता लगाने की कोशिश करते हैं कि कहीं आप शरीर में खून की कमी तो नहीं है. सामान्य तौर पर हमारी जीभ का रंग गुलाबी होता है, लेकिन खून की कमी पर इसका रंग बदल जाता है और ये पीला हो जाता है साथ ही जीभ चिकनी हो जाती है. इसके साथ ही यदि आपकी जीभ का रंग गुलाबी नहीं है तो आपको कोई इन्फेक्शन हो सकता है. मुंह में छाले और मुंह का सूखना आयरन की कमी के लक्षण हो सकते हैं.
जीभ में दरारें पड़ना-
कोलंबिया एशिया अस्पताल में जनरल फिजियन डॉ. मंजीता नाथ दास की मानें तो जीभ में दरारें शरीर में विटामिन की कमी या इन्फेक्शन को दर्शाती है. ऐसी जीभ को फिशर्ड टंग कहा जाता है. जिन लोगों को किडनी रोग, अनियंत्रित डायबिटीज, कीमोथेरेपी आदि की समस्या है उनमें ऐसी जीभ देखने को मिलती है.
जीभ का सफेद होना-
कई बार हमारी जीभ पर सफेद धब्बे या फिर जीभ का रंग सफेद हो जाता है. ये किसी Yeast infection के संकेत हो सकते हैं. जो लोग तंबाकू का सेवन करते हैं अक्सर उनकी जीभ भी सफेद हो जाती है.
काले धब्बे होना-
यदि आपको आपकी जीभ पर काले धब्बे दिखाई दें तो डॉक्टर से संपर्क करें. ये बैक्टीरिया या फंगस इंफेक्शन के चलते हो सकता है. कभी कभी आयरन की दवाई खाने से भी जीभ का रंग काला हो जाता है.
जीभ का लाल होना-
वैसे को हमारी जीभ गुलाबी रंग की होती है, लेकिन कई बार इसका रंग लाल हो जाता है. जीभ का लाल होना शरीर में विटामिन बी 12 की कमी की ओर इशारा करता है. इंफेक्शन और फीवर के चलते भी जीभ का रंग लाल हो सकता है.
नोटः यहां दी गई जानकारी की इंडिया काॅम पुष्टि नहीं करता. यहां बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.