आचार्य बालकृष्ण के जौ के नुस्खे: डायबिटीज और अन्य रोगों के लिए लाभकारी उपाय
Gyanhigyan May 11, 2025 01:42 PM
डायबिटीज में जौ का महत्व

आचार्य बालकृष्ण ने डायबिटीज के मरीजों के लिए एक विशेष मिश्रण की सिफारिश की है:


सामग्री:
  • 10 ग्राम जौ
  • 5 ग्राम तिल
  • 3 ग्राम मेथी

विधि:
  • इन सामग्रियों को दरदरा पीसकर 500 ग्राम पानी में रातभर भिगो दें।
  • सुबह इसे मसलकर छान लें।
  • खाली पेट इस पानी का सेवन करें।

लाभ:
  • यह मिश्रण शुगर लेवल को नियंत्रित करता है।
  • डायबिटीज से जुड़ी समस्याओं जैसे थकान और कमजोरी में भी राहत देता है।

मूत्र रोग में जौ का उपयोग

जो लोग पेशाब से संबंधित समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उनके लिए जौ का सेवन फायदेमंद है।


सामग्री:
  • 10 ग्राम जौ
  • 5 ग्राम तिल
  • 3 ग्राम मेथी

विधि:
  • इसे मिट्टी के बर्तन में भिगोकर सुबह सेवन करें।

लाभ:
  • शरीर की गर्मी को कम करता है।
  • पेशाब से संबंधित समस्याओं को दूर करता है।
  • मूत्र मार्ग में जलन को ठीक करता है।

खांसी और कफ में जौ का उपयोग

जौ खांसी और बलगम के लिए एक प्रभावी उपाय है।


विधि:
  • जौ के पंचांग को जलाकर उसकी राख बना लें।
  • 1-1 ग्राम राख को सुबह-शाम शहद के साथ चाटें।
  • यदि पंचांग न मिले तो केवल जौ की राख का भी उपयोग कर सकते हैं।

लाभ:
  • कफ, खांसी और बलगम में राहत देता है।
  • किडनी की समस्याओं में मददगार।
  • पेशाब खुलकर होता है।

आयुर्वेद में जौ के अन्य लाभ पाचन तंत्र के लिए:
  • जौ का सेवन पाचन तंत्र को मजबूत करता है।

डिटॉक्सिफिकेशन:
  • जौ का पानी शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है।

शरीर की गर्मी कम करना:
  • जौ का नियमित सेवन जलन और दाह जैसी समस्याओं को ठीक करता है।

सावधानियां
  • जौ का सेवन संतुलित मात्रा में करें।
  • गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
  • उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग करें।

निष्कर्ष

जौ एक प्राकृतिक औषधि है जो न केवल डायबिटीज बल्कि कई अन्य समस्याओं के समाधान में भी प्रभावी है। आयुर्वेद के अनुसार जौ का सही उपयोग शरीर को स्वस्थ और रोगमुक्त रख सकता है। इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें और स्वस्थ जीवन का आनंद लें।


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