भारत ने अपनी सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन करते हुए स्पष्ट किया है कि वह पाकिस्तान को आतंकवाद के समर्थन के लिए दंडित करेगा। भारत के पास अत्याधुनिक ड्रोन और मिसाइलें हैं, जो उसे पाकिस्तान के भीतर गहराई तक हमला करने की अनुमति देती हैं, बिना सीमा में प्रवेश किए। भारतीय नौसेना भी पाकिस्तान के तटीय ठिकानों पर हमले की क्षमता रखती है।
हालांकि, तनाव कम करने का समय आ गया है, क्योंकि लंबे युद्ध से केवल जनहानि और आर्थिक नुकसान होगा। वाशिंगटन में, भारत और पाकिस्तान को ऐसे देश माना जाता है जिनके बीच पहले भी सैन्य टकराव हो चुके हैं, लेकिन दोनों ने समझदारी से स्थिति को संभालने का प्रयास किया है।
मीडिया में देशभक्ति के नाम पर नेताओं को उकसाने की बातें हो रही हैं, लेकिन अब युद्धविराम का समय है। कश्मीर समस्या का समाधान सैन्य कार्रवाई से नहीं, बल्कि राजनीतिक संवाद से ही संभव है।
भारतीय टीवी चैनलों पर पूर्व सैन्य अधिकारियों ने भारत की सैन्य ताकत की प्रशंसा की है, लेकिन अब वास्तविकता को समझने की आवश्यकता है। भारत और पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं की तुलना में भारत की स्थिति मजबूत है, लेकिन चीन के साथ संभावित सहयोग से स्थिति जटिल हो सकती है।
भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, जबकि पाकिस्तान की स्थिति कमजोर है। IMF से पाकिस्तान को मिलने वाले कर्ज पर भारत ने आपत्ति जताई है, यह दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान के प्रति नरम रुख अपनाता है।
एक कार्टूनिस्ट ने ट्रम्प को तनाव कम करने की सलाह देते हुए दिखाया था, जो इस बात का संकेत है कि युद्ध से बचना संभव है।