नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच गोलाबारी रुक गई है। 7 मई 2025 को भारत की तरफ से पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हुए जबरदस्त हमले के बाद दोनों देशों के बीच पूर्ण युद्ध जैसी स्थिति बन गई थी। अब ये खबर आई है कि भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए पहली बार ब्रह्मोस का इस्तेमाल किया। अखबार दैनिक हिंदुस्तान ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है। अखबार के मुताबिक पाकिस्तान की तरफ से लगातार ड्रोन हमले की कोशिश के बाद भारतीय वायुसेना के विमानों ने पाकिस्तान के कई एयरबेस को ब्रह्मोस, स्क्लैप और हैमर से निशाना बनाया।
भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से सटे रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस (चकलाला) पर सटीक प्रहार किया। इसके अलावा भारतीय वायुसेना ने ब्रह्मोस और स्कैल्प जैसी क्रूज मिसाइलों और हैमर प्रीसिजन हथियार से मुरीद, रफीकी, रहीम यार खान, सुक्कूर, चुनियां, स्कर्दू, सरगोधा, जैकबाबाद और भोलारी के एयरबेस पर बड़ी तबाही मचाई। इनके अलावा भारत ने सटीक वार करने वाले हथियारों से सियालकोट और पस्नूर स्थित पाकिस्तान के रडार भी तबाह कर दिए। वहीं, सूत्रों के हवाले से ये खबर भी है कि रावलपिंडी में जब भारत ने हमला किया, तो पाकिस्तान ये देखकर कांप उठा कि उसका न्यूक्लियर कमांड सेंटर कहीं तबाह न कर दिया जाए। इसी वजह से पाकिस्तान ने अमेरिका और चीन से युद्ध बंद करवाने के लिए प्रभाव का इस्तेमाल करने की गुजारिश की।
सोशल मीडिया पर ये खबर भी जमकर वायरल है कि भारत ने मिसाइलों से पाकिस्तान के काला चिट्टा पहाड़ पर भी निशाना साधा। ऐसी चर्चा है कि मिसाइलों के हमले से काला चिट्टा पहाड़ स्थित पाकिस्तान के जमीन के भीतर बने परमाणु हथियार संग्रह तक पहुंचने के रास्ते को भारत ने मलबे में तब्दील कर दिया। ताकि पाकिस्तान को ये संदेश भी दिया जा सके कि वो जिन परमाणु हथियार के दम पर फूलता है, उनको भी भारत जब चाहे नष्ट कर सकता है। बहरहाल अभी भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर शांति हो गई है, लेकिन ये देखना बाकी है कि पाकिस्तान खुद की नीयत में सुधार लाता है या फिर जंग का माहौल पैदा करता है।
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