भारत और पाकिस्तान ने युद्ध विराम की घोषणा कर दी है। इसके बाद भी सीमा पर पाकिस्तान की ओर से आक्रमण जारी है। संघर्ष विराम को लेकर जहां विपक्षी दलों द्वारा केंद्र सरकार की आलोचना की जा रही है, वहीं भारतीय वायुसेना ने बड़ा बयान दिया है। भारतीय वायु सेना ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत कार्रवाई अभी भी जारी है। वायुसेना ने सोशल मीडिया हैंडल X पर यह जानकारी दी है।
“भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत निर्धारित लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है।” यह कार्रवाई राष्ट्रीय उद्देश्यों के अनुरूप सोच-समझकर और विवेकपूर्ण तरीके से की गई। वायु सेना ने यह भी कहा है कि ऑपरेशन अभी जारी है और उचित समय पर विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इसमें तर्कों और गलतियों को प्रकाशित न करने की भी अपील की गई है।
भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में 22 अप्रैल को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इस ऑपरेशन के तहत तीनों सेनाओं ने मिलकर पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में स्थापित 9 आतंकवादी शिविरों को नष्ट कर दिया। जवाब में घबराये पाकिस्तान ने भारी गोलीबारी की और नियंत्रण रेखा पर ड्रोन हमले किये। हालाँकि, भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने सभी पाकिस्तानी ड्रोनों को मार गिराया। इसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान पर कई हमले किए, जिससे पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान हुआ।
इस बीच भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच कई देशों की मदद से संघर्ष विराम पर सहमति बनी, लेकिन कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए भारत पर ड्रोन से हमला किया और गोलीबारी की। इस बीच राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। दो घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद थे।
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा, “भारत के लोगों और उनके चुने हुए प्रतिनिधियों के लिए पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और युद्ध विराम पर चर्चा करना जरूरी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सबसे पहले युद्ध विराम की घोषणा की थी। इसलिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। यह आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए हमारे सामूहिक संकल्प को प्रदर्शित करने का अवसर होगा। मुझे विश्वास है कि आप इस मांग पर गंभीरता से और शीघ्रता से विचार करेंगे।”