हमारी जीवनशैली और आहार का स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। वर्तमान में तेजी से बदलती जीवनशैली के कारण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर हो रहा है। छोटी-छोटी लापरवाहियाँ गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती हैं। किडनी स्टोन भी ऐसी ही एक समस्या है, जो हाल के समय में बढ़ती जा रही है। गलत खान-पान के कारण यह समस्या उत्पन्न होती है। चिकित्सा की दृष्टि से इसे नेफ्रोलिथियासिस या यूरोलिथियासिस कहा जाता है। यदि इसे समय पर पहचाना और इलाज किया जाए, तो यह बहुत फायदेमंद हो सकता है।
गुर्दे में पथरी विकसित होने से व्यक्ति को गंभीर दर्द का सामना करना पड़ सकता है। यह समस्या किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। जब गुर्दे में किडनी स्टोन बनता है, तो पेशाब गाढ़ा हो जाता है, जिससे उसमें मौजूद खनिज क्रिस्टल में बदल जाते हैं और आपस में चिपक जाते हैं। यह स्थिति मूत्र पथ को प्रभावित करती है।
गुर्दे की पथरी के प्रकार:
किडनी स्टोन के लक्षण:
किडनी स्टोन के कारण:
पानी हमारे शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से न केवल शरीर हाइड्रेट रहता है, बल्कि किडनी स्टोन का खतरा भी कम होता है। पानी की कमी से गुर्दे में पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है।
निर्धारित दवाएं:
कुछ दवाओं के सेवन से भी किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है। विशेष रूप से एचआईवी उपचार के दौरान उपयोग की जाने वाली दवाएं गुर्दे की पथरी के जोखिम को बढ़ा सकती हैं.
पुराने रोग:
कई पुरानी बीमारियां जैसे सिस्टिक फाइब्रॉएड, इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज और ट्यूबलर एसिडोसिस भी किडनी स्टोन का कारण बन सकती हैं.
एस्ट्रोजेन की कमी:
महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी होने पर गुर्दे की पथरी होने का खतरा बढ़ जाता है। जिन महिलाओं के अंडाशय निकाले गए हैं, उन्हें भी इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है.