22000 करोड़ के स्पेस सर्विलांस सिस्टम से भारत ऐसे बढ़ाएगा अपनी जासूसी ताकत
Webdunia Hindi May 12, 2025 05:42 PM


ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार ने आतंकवादियों पर पैनी नजर रखने के लिए अपने सिस्टम और दुरुस्त करने का फैसला किया है। दरअसल, आतंकवादियों के ठिकाने के बारे में जुटाई गई खुफिया जानकारी के आधार पर ही ये ऑपरेशन चलाया गया। अब भारत सरकार ने अपनी इस खुफिया जानकारी जुटाने की ताकत और मजबूत करने के लिए एक बड़ा प्लान बनाया है।

भारत खुफिया सैटेलाइट्स सिस्टम पर काम करने जा रहा है, जिससे आतंकवादी ठिकानों के भीतर तक नजर रखी जा सकेगी। इतना ही ही नहीं, ये सैटेलाइट्स भारत की सीमाओं पर नजर रखेंगे। विशेषतौर से पाकिस्तान की गतिविधियों को ट्रैक करना इनका काम होगा। इसके अलावा ये सैटेलाइट्स प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़ या भूकंप के दौरान भी मदद करेंगे।

2026 तक तैयार होंगे सैटेलाइट्स : एक रिपोर्ट के मुताबिक ऑपरेशन सिंदूर के बाद सैन्य बलों और सरकार जासूसी तंत्र को और मजबूत करने जा रही है। इसके लिए भारत सरकार तीन निजी कंपनियों—अनंत टेक्नोलॉजीज, सेंटम इलेक्ट्रॉनिक्स और अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजीज के साथ मिलकर तेजी से सैटेलाइट बनाने का काम कर रही है। इन कंपनियों को पहले चार साल का समय दिया गया था, लेकिन अब इसे घटाकर 12-18 महीने कर दिया गया है। इसका मतलब है कि ये सैटेलाइट्स 2026 तक या उससे पहले तैयार हो जाएंगी। सरकार ने इस प्रोजेक्ट की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए मंजूरी दी है।

22000 करोड़ का है प्रोजेक्ट : यह योजना पर करीब 3 अरब डॉलर यानी लगभग 22,500 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इसे स्पेस बेस्ड सर्विलांस (एसबीएस-3) प्रोग्राम कहा जा रहा है। पिछले साल अक्टूबर में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने इस योजना को हरी झंडी दी थी। इसके तहत कुल 52 जासूसी सैटेलाइट्स बनाए जाएंगे। इनमें से 31 सैटेलाइट्स की जिम्मेदारी तीन निजी कंपनियों को दी गई है जबकि बाकी 21 सैटेलाइट्स भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) बनाएगा। इन सैटेलाइट्स का मुख्य काम भारत की सीमाओं पर नजर रखना, खासकर पाकिस्तान की गतिविधियों को ट्रैक करना होगा। इसके अलावा ये सैटेलाइट्स प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़ या भूकंप के दौरान भी मदद करेंगे।
Edited By: Navin Rangiyal
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