Call Recording Court में कब मान्य? भारतीय साक्ष्य अधिनियम, धारा 65B और हाईकोर्ट्स के ताज़ा फैसलों से जानें सही जानकारी » पढ़ें
sabkuchgyan May 12, 2025 11:26 PM

आज के डिजिटल युग में, फोन कॉल की रिकार्डिंग एक सामान्य प्रक्रिया बन गई है। कई बार यह रिकार्डिंग कानूनी मामलों में सबूत के रूप में उपयोग की जाती है। लेकिन क्या कोर्ट में फोन रिकोर्डिंग को सबूत माना जाएगा? यह सवाल अक्सर उठता है, खासकर तब जब रिकार्डिंग बिना किसी की अनुमति के की गई हो। हाल ही में, विभिन्न उच्च न्यायालयों ने इस विषय पर अपने फैसले दिए हैं, जो इस मुद्दे को स्पष्ट करते हैं।

इस लेख में, हम जानेंगे कि कैसे भारतीय न्यायालयों ने फोन रिकोर्डिंग को सबूत के रूप में मान्यता दी है या नहीं। हम यह भी देखेंगे कि कौन से कानूनी प्रावधान इस मामले में लागू होते हैं और किन परिस्थितियों में फोन रिकोर्डिंग को अदालत में स्वीकार किया जा सकता है।

फोन रिकोर्डिंग और कानूनी स्थिति

विशेषता विवरण
कानूनी प्रावधान भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872
धारा 65B इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की वैधता
अनुमति बिना अनुमति की गई रिकार्डिंग
उच्च न्यायालयों के फैसले विभिन्न उच्च न्यायालयों द्वारा निर्णय

उच्च न्यायालयों के फैसले

  1. इलाहाबाद उच्च न्यायालय का निर्णय: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक मामले में कहा कि यदि फोन कॉल की रिकार्डिंग किसी आरोपी के बीच हुई है, तो इसे सबूत के रूप में स्वीकार किया जा सकता है, भले ही यह अवैध तरीके से प्राप्त की गई हो। अदालत ने कहा कि “रिकॉर्डेड बातचीत का कानूनी होना या न होना, इसकी स्वीकार्यता को प्रभावित नहीं करता”।
  2. गुजरात उच्च न्यायालय का निर्णय: गुजरात उच्च न्यायालय ने कहा कि यदि कॉल रिकॉर्डिंग को प्रमाणित किया गया है और इसमें सही जानकारी है, तो इसे घरेलू हिंसा के मामलों में सबूत के रूप में स्वीकार किया जा सकता है।
  3. छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय का निर्णय: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति बिना अनुमति के फोन कॉल रिकॉर्ड करता है, तो यह उसके “गोपनीयता के अधिकार” का उल्लंघन करता है और इसे अदालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम

भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 65B इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को अदालत में प्रस्तुत करने की प्रक्रिया को स्पष्ट करती है। इसके अनुसार, निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होती हैं:

  • रिकॉर्डिंग को बिना किसी संपादन या परिवर्तन के प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
  • रिकॉर्डिंग का स्रोत स्पष्ट होना चाहिए।
  • रिकॉर्डिंग को प्रमाणित करने वाले व्यक्ति द्वारा गवाही दी जानी चाहिए।

फोन रिकोर्डिंग का उपयोग

फोन रिकोर्डिंग का उपयोग विभिन्न प्रकार के मामलों में किया जा सकता है:

  • आपराधिक मामले: जहां आरोपी के खिलाफ सबूत पेश करना हो।
  • सिविल मामले: जैसे कि घरेलू हिंसा या संपत्ति विवाद।
  • व्यापारिक विवाद: जहां व्यापारिक लेनदेन की पुष्टि करनी हो।
पैतृक भूमि बेचने से पहले, यह आदेश देखें

कानूनी सलाह

यदि आप किसी कानूनी मामले में फोन रिकोर्डिंग का उपयोग करना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • अनुमति: सुनिश्चित करें कि आपने बातचीत करने वाले सभी पक्षों से अनुमति ली है।
  • प्रमाणिकता: रिकॉर्डिंग को प्रमाणित करने के लिए आवश्यक दस्तावेज तैयार रखें।
  • कानूनी सलाह: किसी वकील से सलाह लें ताकि आप अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझ सकें।

अस्वीकरण: यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। फोन रिकोर्डिंग और इसके कानूनी पहलुओं से संबंधित नियम और प्रक्रियाएं समय-समय पर बदल सकती हैं। इसलिए, आपसे अनुरोध है कि किसी भी कानूनी कार्रवाई से पहले एक योग्य वकील से सलाह लें।

© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.