यूपी के बुलंदशहर में चलती कार में नाबालिग से गैंगरेप करने वाले आरोपियों की पुलिस के साथ मुठभेड़ हो गई है। थाना खुर्जा नगर व थाना अरनिया पुलिस की संयुक्त टीम की बदमाशों से मुठभेड़ हो गई। पुलिस की गोली लगने से गाजियाबाद निवासी गौरव और सूरजपुर निवासी संदीप घायल हो गए। इस मामले में पुलिस ने मुठभेड़ के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
नौकरी का झांसा देकर कार में बैठायाथाने में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता मूल रूप से प्रतापगढ़ की रहने वाली है। नोएडा में जलेबी चौक के पास किराए के मकान में अपने मामा के साथ रहती थी। इसके अलावा एक निजी कंपनी में काम भी करता था। 6 मई को दोनों दोस्त घर से सूरजपुर कोर्ट जा रहे थे। तभी अमित नाम का युवक कार लेकर आया। कार में अमित का दोस्त संदीप भी उसके साथ था। आरोपियों ने नौकरी का झांसा देकर दोनों को कार में बैठा लिया। नौकरी के सिलसिले में उसकी मुलाकात आरोपी अमित से हुई थी। नौकरी की बात कहकर उसे जगतफार्म ले जाया गया। जहान ने बीयर खरीदी और दोनों को बीयर पीने के लिए मजबूर किया। दोपहर करीब 1.30 बजे नोएडा में घुमते रहे।
पीड़िता के दोस्त को कार से फेंककर मार डाला गयाइसके बाद वे लोग ढाबे पर खाना लेकर जाने लगे, लेकिन ढाबे पर नहीं रुके और गाड़ी लेकर आगे बढ़ गए। लेकिन आरोपी ने अपने एक अन्य दोस्त को भी बुला लिया। जब उसने उसके साथ कार में जाने से इनकार कर दिया तो उसके साथ मारपीट की गई। पुलिस का कहना है कि वह कार में घूमने निकला था। बीयर सूरजपुर इलाके से ली गई थी। नशे की हालत में कार में विवाद हो गया। मेरठ के थाना जानी क्षेत्र में आरोपियों ने एक युवती को धक्का देकर नीचे गिरा दिया। एक अन्य लड़की के साथ कार में बलात्कार किया गया। ये सभी उसे लखनऊ छोड़ने जा रहे थे। क्योंकि लड़की ने लखनऊ जाने की इच्छा जाहिर की थी।
रास्ते में कोई बहाना बनाकर यह लड़की कार से उतर गई और पुलिस के पास चली गई। पुलिस का कहना है कि चलती कार में सामूहिक दुष्कर्म करने वाले आरोपियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना में पुलिस की गोली लगने से गौरव निवासी गाजियाबाद व संदीप निवासी सूरजपुर घायल हो गए। दोनों आरोपियों ने चलती कार में नाबालिग से बलात्कार किया था।
यह मंदिर तेलंगाना में हैदराबाद से लगभग 40 किमी दूर स्थित है, जिसे चिलकुर बालाजी मंदिर के नाम से जाना जाता है। लोगों का मानना है कि वीजा के लिए दूतावास जाने से बेहतर है कि चिलकुर बालाजी मंदिर जाकर हवाई जहाज से जाएं। इससे वीज़ा प्राप्त करना आसान हो जाता है। इस मंदिर को वीजा वाले मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। लोग यहां अच्छी नौकरी का वादा लेकर भी आते हैं। ऐसा माना जाता है कि चिलकुर बालाजी की 11 परिक्रमा करने से की गई मन्नत कभी खाली नहीं जाती और जब भक्तों की मनोकामना पूरी हो जाती है तो वे यहां वापस आकर बालाजी की 108 बार परिक्रमा करते हैं।
यह मंदिर 500 साल पुराना है और इसका इतिहास काफी दिलचस्प है। वेंकटेश बालाजी का एक भक्त तिरुपति बालाजी के मंदिर में दर्शन करने के लिए हर दिन कई किलोमीटर पैदल चलता था। लेकिन एक दिन उनकी तबीयत खराब हो गई, इसलिए वे मंदिर नहीं जा सके। ऐसे में बालाजी स्वयं अपने भक्त के सपने में आए और कहा कि तुम्हें मेरे दर्शन के लिए इतनी दूर जाने की जरूरत नहीं है, मैं तुम्हारे पास ही जंगल में रहता हूं।
इसके बाद अगली बार जब बालाजी के भक्त भगवान द्वारा बताये गये स्थान पर गये तो उन्हें वहां उभरी हुई भूमि दिखाई दी। इसके बाद भक्त ने वहां जमीन खोदी तो वहां से रक्त बहने लगा और फिर आकाशवाणी हुई कि इस भूमि को दूध से स्नान कराकर यहां मूर्ति स्थापित की जाए। आकाशवाणी के अनुसार, भक्त ने वहां बालाजी की एक मूर्ति भी स्थापित की। आज यह मंदिर चिलकुर बालाजी के नाम से जाना जाता है।