भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति में हुए ऑपरेशन सिंदूर में लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई 'वॉर हीरो' बनकर उभरा है। राफेल समेत अन्य विमानों से करीब डेढ़ गुना बड़ा होने के कारण यह आसानी से पाकिस्तान के रडार सिस्टम पर आ गया। इसके बावजूद सुखोई ने चीन की पीएल-15ई बियॉन्ड-विजुअल-रेंज (बीवीआर) एयर-टू-एयर मिसाइलों और एचक्यू-9बीई सरफेस-टू-एयर मिसाइलों (एसएएम) को चकमा दे दिया।
पाकिस्तान की सबसे बड़ी एयर डिफेंस सुखोई ने दोनों मिसाइल सिस्टम को नष्ट कर दिया। 6 मई को पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर हमला करने के बाद सुखोई ने 10 मई की सुबह ब्रह्मोस मिसाइल से पाकिस्तान पर हमला किया, जो गेमचेंजर साबित हुआ। सुखोई ने ब्रह्मोस हमले से पाकिस्तान के तीन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एयरबेस उड़ा दिए। सूत्रों के मुताबिक इस घातक हमले के कारण पाकिस्तान के डीजीएमओ को सीजफायर करना पड़ा।
सुखोई ऐसे बना हीरो
6-7 मई की रात को सुखोई-30 MKI ने राफेल और मिराज-2000 विमानों के साथ मिलकर पाकिस्तान के लॉन्च पैड पर हमला किया। जवाब में पाकिस्तान के PL-15E मिसाइल और HQ-9BE से लैस पाकिस्तानी JF-17 ने भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों पर हमला किया। सुखोई ने हाई-जी मैन्युवर और ECM का इस्तेमाल करके तेजी से उड़ान की दिशा और गति बदलकर मिसाइलों को धोखा दिया।
भटिंडा के पास कथित मुठभेड़ में पाकिस्तान के JF-17 ने सुखोई पर PL-15E मिसाइल दागी। सुखोई लॉक हो गया था। लॉक तोड़ने के लिए सुखोई ने बैरल रोल के साथ EL/M-6222 पॉड का इस्तेमाल करके पाक मिसाइल के सेंसर को जाम कर दिया।
कश्मीर में सुखोई ने पाकिस्तान के HQ-9BE रडार की खराबी से बचने के लिए कम ऊंचाई पर उड़ान भरकर रडार को धोखा दिया।
अभी भी फ्रंटलाइन विमान
राफेल के आने से पहले भारत का मुख्य फ्रंटलाइन विमान सुखोई-30 था। यह चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, जबकि राफेल 4.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, इसके बावजूद इसकी इलेक्ट्रॉनिक युद्धक क्षमता और हवा में गति व दिशा बदलने की तकनीक ने इसे फिर अग्रिम पंक्ति में खड़ा कर दिया है।
जोधपुर में एक स्क्वाड्रन
पश्चिमी राजस्थान के सबसे प्रमुख सामरिक एयरबेस जोधपुर में सुखोई-30 की एक स्क्वाड्रन तैनात है। पहलगाम हमले के बाद सुखोई बैकअप एयरबेस से पाकिस्तान का मुकाबला करने के लिए अग्रिम पंक्ति के एयरबेस पर आ गया था। जोधपुर एयरबेस के सुखोई ने ब्रह्मोस मिसाइल से हमले में भूमिका निभाई थी।
अगले साल अपग्रेड की तैयारी
भारतीय वायुसेना, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और डीआरडीओ मिलकर अगले साल सुखोई-30 को अपग्रेड करने की योजना शुरू कर सकते हैं। इसके तहत इसमें उन्नत सिस्टम लगाकर इसे 4.5 पीढ़ी का विमान बनाया जाएगा।