IREDA के शेयर पर रहेगी नजर, Gensol Engineering पर 510 करोड़ रुपये के डिफॉल्ट को लेकर दिवाला याचिका दायर

गुरुवार को इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) के शेयरों पर निवेशकों की नजर रहेगी। कंपनी ने जेनसोल इंजीनियरिंग (Gensol Engineering) के खिलाफ दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC) की धारा 7 के तहत दिवाला याचिका दायर की है। आरोप है कि जेनसोल ने 510 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान नहीं किया। ब्लूस्मार्ट (BluSmart) के लिए मिली फंडिंग, लेकिन खरीद हुई कमजेनसोल ने IREDA और पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (PFC) से कुल 977.75 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जिसमें से 663.89 करोड़ रुपये का उपयोग ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी के लिए 6,400 इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने हेतु होना था। लेकिन कंपनी ने केवल 4,700 वाहन ही खरीदे, जिनकी कीमत 567 करोड़ रुपये थी। सेबी के मुताबिक, 262 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं मिला है। सेबी और ED की बड़ी कार्रवाईसेबी ने जेनसोल के प्रमोटर अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को बड़ी कार्रवाई के तहत कंपनी के मैनेजमेंट से हटने का निर्देश दिया। अप्रैल में आर्थिक अपराध शाखा को झूठे दस्तावेजों की शिकायत मिली, जिसके बाद ईडी ने छापा मारा और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए। सेबी ने अब फोरेंसिक ऑडिट के आदेश भी दे दिए हैं। मंगलवार को, अनमोल और उनके भाई पुनीत सिंह जग्गी ने सेबी द्वारा प्रमुख प्रबंधकीय पदों पर रहने पर रोक लगाने के एक महीने बाद, जेनसोल के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया। जेनसोल के प्रमोटरों पर निजी खर्चों में गड़बड़ी का आरोपसेबी की अंतरिम रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्रमोटर भाइयों ने कंपनी के फंड्स का दुरुपयोग करते हुए निजी लग्जरी संपत्तियों और अन्य गैर-जरूरी लेनदेन में रकम खर्च की। इसके चलते कंपनी पर चढ़ा कर्ज समय पर चुकाया नहीं गया। जेनसोल के शेयरों में भारी गिरावट, फिर भी अपर सर्किटपिछले एक साल में जेनसोल के शेयरों में 93% और सिर्फ पिछले एक महीने में 55% की गिरावट आ चुकी है। हालांकि बीते दो सत्रों में शेयर 5% के अपर सर्किट पर बंद हुए हैं।(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं)