टाइगर रिजर्व में टेरिटरी को लेकर युवा बाघों में टकराव तेज, मानवीय गतिविधियों ने बढ़ाया संघर्ष का खतरा
aapkarajasthan May 15, 2025 08:42 PM

राजस्थान के सवाई माधोपुर में रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बाघों का बढ़ता आक्रामक व्यवहार चिंता का विषय बनता जा रहा है। हाल ही में हुई घटनाओं, जिसमें बाघ के हमले में रेंजर और एक मासूम बच्चे की मौत हो गई, ने जंगल की स्थिति को गंभीर बना दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अंधाधुंध पर्यटन, अपर्याप्त निगरानी और क्षेत्र की कमी इसके मुख्य कारण हैं। वन विभाग के एक पूर्व अधिकारी के अनुसार मानवीय गतिविधियों से घिरे बाघ तनाव के कारण हिंसक हो रहे हैं। गौर करें तो वर्ष 2019 में बाघ टी-104 ने तीन लोगों को मार डाला था, जिसके बाद उसे ट्रैंकुलाइज कर कैद में रखा गया था। पिछले साल इसकी मौत हो गई थी। यह घटना टकराव के खतरनाक परिणामों को दर्शाती है। वन विभाग ने आक्रामक बाघों को रेडियो कॉलर से ट्रैक करने और कुछ बाघों को सरिस्का, मुकुंदरा या रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिया है।

क्षेत्र की जंग में सामने आ रहे बाघ

रणथंभौर टाइगर रिजर्व क्षेत्र से सटे कुतलपुरा मालियान गांव के खेतों से एरोहेड टी-84 की मादा शावक बुधवार को होटल पहुंची। वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद बाघिन को बेहोश कर रेस्क्यू किया। वन विभाग ने उसे बाड़े में रखा है। उसे लगातार त्रिनेत्र गणेश मार्ग सहित रणथंभौर टाइगर रिजर्व से सटे इलाकों में देखा जा रहा है। इसी बाघिन ने त्रिनेत्र गणेश मार्ग पर एक बच्चे और जोगी महल के पास रेंजर पर हमला किया है।

पर्यटन और निगरानी में खामियां

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की गाइडलाइन के तहत रणथंभौर में प्रतिदिन 100 से अधिक पर्यटक वाहन जंगल में प्रवेश करते हैं। कुछ वाहन बाघों के नजदीक जाकर उनकी प्राकृतिक जीवनशैली को बाधित करते हैं। ऐसे में वन्यजीवों के स्वभाव में आक्रामकता बढ़ने लगी है।

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