मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपनी पोस्ट में कहा, यह मंदिर हिंगोल राष्ट्रीय उद्यान की दुर्गम पहाड़ियों में स्थित है और ऐसा माना जाता है कि यही वह स्थान है जहां देवी सती का शीश गिरा था। इस कारण यह स्थान देवी शक्ति के सबसे पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है। उन्होंने कहा कि सिंधी, भावसर और चरण समुदायों के श्रद्धालु सदियों से रेगिस्तानी रास्तों को पार करते हुए इस मंदिर में दर्शन के लिए कठिन यात्राएं करते आ रहे हैं।
गौरतलब है कि बलूच नेता मीर यार बलूच ने बुधवार को राज्य में दशकों से हो रही हिंसा, जबरन गायब किए जाने और मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर पाकिस्तान से स्वतंत्रता का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही एक संभावित घोषणा की जानी चाहिए क्योंकि आतंकवादी पाकिस्तान का पतन निकट है। ALSO READ:
उन्होंने बलूचिस्तान गणराज्य के गठन की घोषणा की और नई दिल्ली में बलूच दूतावास स्थापित करने के लिए भारत सरकार को बुलाया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से घोषणा को मान्यता देने और मुद्रा और पासपोर्ट जारी करने सहित बुनियादी राज्य कार्यों के लिए धन प्रदान करने की अपील की।
बलूच नेता ने कहा है कि तुम मारोगे हम टूटेंगे, हम नाक बचाएंगे आओ हमारा साथ दो। उन्होंने भारतीय नागरिकों, खासतौर पर मीडिया, यूट्यूबरों और बुद्धिजीवियों से बलूचों को 'पाकिस्तान के अपने लोग' कहने से बचने का आग्रह किया है।
edited by : Nrapendra Gupta