गंगा दशहरा 2025: महत्व, तिथि और शुभ मुहूर्त
newzfatafat May 16, 2025 03:42 AM
गंगा दशहरा का महत्व

गंगा दशहरा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है, जो गंगा नदी के धरती पर अवतरण की याद में मनाया जाता है। इसे केवल एक नदी नहीं, बल्कि माता का दर्जा दिया गया है। मान्यता है कि इसमें स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं। इस दिन लाखों श्रद्धालु गंगा के पवित्र जल में स्नान कर पुण्य प्राप्त करते हैं।


गंगा दशहरा 2025: तिथि और समय

पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 4 जून 2025 को रात 11:54 बजे से शुरू होकर 6 जून को रात 2:15 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, गंगा दशहरा 5 जून 2025 को मनाया जाएगा, जो विशेष पुण्य फलदायक रहेगा।


गंगा दशहरा स्नान का शुभ मुहूर्त

गंगा दशहरा के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं। पंचांग के अनुसार:



  • सिद्धि योग: सुबह 9:14 बजे तक रहेगा।

  • रवि योग और हस्त नक्षत्र रातभर रहेंगे।

  • तैतिल करण: दोपहर 1:02 बजे तक रहेगा, इसके बाद गर करण रात 2:15 बजे तक रहेगा।


इन शुभ संयोगों में स्नान, दान, जप, तप और हवन करने से विशेष पुण्य और आरोग्यता प्राप्त होती है।


गंगा दशहरा का धार्मिक महत्व

पुराणों के अनुसार, राजा भगीरथ ने अपने पूर्वजों की मुक्ति के लिए कठिन तप किया, जिसके फलस्वरूप गंगा माता धरती पर अवतरित हुईं। इस दिन को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है। यह दिन आत्मशुद्धि और सकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश का भी प्रतीक है।


गंगा में स्नान करने से दस प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है, जैसे हत्या, चोरी, परस्त्रीगमन, असत्य वचन, दूसरों की निंदा, व्यर्थ का क्रोध, ईर्ष्या, परनिंदा, दुर्व्यवहार और लोभ। इन पापों से मुक्ति से व्यक्ति के जीवन में शांति और समृद्धि आती है।


पूजा विधि और दान का महत्व

इस दिन मां गंगा और भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। गंगाजल, दूध, पुष्प और बेलपत्र अर्पित कर शिवलिंग का अभिषेक करना फलदायक होता है। गंगा तट पर दीपदान, वस्त्रदान, अन्नदान और जलदान करने से पुण्य प्राप्त होता है।


निष्कर्ष:
गंगा दशहरा केवल एक पर्व नहीं, बल्कि आस्था और आत्मशुद्धि का अवसर है। यह दिन व्यक्ति को उसके पापों से मुक्ति दिलाकर जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का संदेश देता है। 5 जून 2025 को बनने वाले विशेष योग इस दिन के महत्व को और बढ़ा देते हैं। इसलिए श्रद्धा और विश्वास के साथ इस दिन गंगा स्नान और पुण्य कर्म अवश्य करें।


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