ग्रामीण सशक्तीकरण का आधार, स्वयं सहायता समूह कैसे काम करते हैं और समूह लोन की प्रक्रिया समझें

आपने भी कई बार समूह लोन के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह क्या होते हैं और किन्हें दिए जाते हैं। यह एक प्रकार की वित्तीय सुविधा है जो मुख्य रूप से ग्रामीण और कम आय वाले समुदायों, खासकर महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। समूह लोन स्वयं सहायता समूह या संयुक्त दायित्व समूह के माध्यम से दिए जाते हैं। समूह लोन को समझने से पहले आपको स्वयं सहायता समूह के बारे में समझ लेना चाहिए। आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि कैसे स्वयं सहायता समूह के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाने का काम जोरों शोरों से किया जा रहा है। स्वयं सहायता समूह (SHG) क्या है?स्वयं सहायता समूह एक स्वैच्छिक संगठन होता है जिसमें समान आर्थिक और सामाजिक पृष्ठभूमि वाले लोग शामिल होते हैं। यह व्यवस्था ग्रामीण इलाकों में काफी लोकप्रिय हो चुकी है। ग्रामीण इलाकों में मुख्य रूप से महिलाएं मिलकर छोटी-छोटी बचत करके समूह का निर्माण करती हैं और वित्तीय सामाजिक गतिविधियों में भाग लेती हैं। महिलाओं के कौशल विकास में भागीदार स्मॉल हेल्थ ग्रुप स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को कौशल विकास वित्तीय सहायता और सामाजिक सशक्तिकरण जैसे लाभ दिए जा रहे हैं। इन समूह में ज्यादातर महिलाएं गरीबी रेखा से नीचे और वंचित समुदायों की होती है। जो अपनी छोटी-छोटी बचत करके अपने परिवार की वित्तीय सहायता करना चाहती है कैसे होता है समूह का निर्माण
- वित्तीय रूप से कमजोर वर्ग की कम से कम 5 से 20 सदस्य मिलकर समूह का निर्माण करते हैं।
- समूह के गठन के दौरान समूह का नाम और नियम तय किए जाते हैं। जैसे बैठकें कब होगी, कितनी राशि हर महीने बचत की जाएगी, लोन कब दिया जाएगा और प्रशिक्षण आदि बातों को तय किया जाता है।
- एक अध्यक्ष, सचिव, और कोषाध्यक्ष चुना जाता है।
- इसमें सदस्यों का एक-दूसरे पर विश्वास होना आवश्यक है, क्योंकि वे सामूहिक रूप से बचत और लोन की जिम्मेदारी साझा करते हैं।
- समूह एक संयुक्त बैंक खाता खोलता है, जिसमें बचत और लोन की राशि जमा की जाती है। यह खाता आमतौर पर नजदीकी बैंक या सहकारी बैंक में खोला जाता है।
इन समूह को गैर सरकारी संगठन या एनआरएलएम की स्थानीय इकाइयों या बैंक द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है। जिसमें उन्हें बचत, लेखा-जोखा और लोन के बारे में बताया जाता है। इसके अलावा आय सृजन गतिविधियों जैसे सिलाई, हस्तशिल्प, पशुपालन) का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। छोटी-छोटी बचत से जमा हो जाती है बड़ी राशिसमूह के हर सदस्यों द्वारा हर महीने 50 या 100 रुपये जैसी छोटी बचत की जाती है। इस राशि को समूह के बैंक खाते में जमा करते हैं। इसका लोन देने और समूह के लाभ के लिए अन्य प्रकार से इस्तेमाल किया जाता है। समूह लोन क्या होते हैं? स्वयं सहायता समूह की कार्य प्रणाली जानने के बाद आप समूह लोन का मतलब भी जान चुके होंगे। यह एक ऐसी वित्तीय सुविधा है, जो मुख्य रूप से ग्रामीण और कम आय वाले समुदायों, खासकर महिलाओं, को सशक्त बनाने के लिए दिए जाते हैं। समूह लोन का उद्देश्य छोटे व्यवसाय शुरू करना, आय बढ़ाना और वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करना होता है। कौन देते है समूह लोन समूह के द्वारा अपनी बचत को बैंकों में जमा किया जाता है। जिस पर उन्हें लोन मिलता है। यह लोन बिना किसी जमानत के प्रदान किया जाता है, क्योंकि समूह के सदस्य सामूहिक रूप से ऋण चुकाने की गारंटी देते हैं। भारत में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम, पिरामल फाइनेंस, बैंक ऑफ़ इंडिया और अन्य सूक्ष्म वित्तीय संस्थानों के द्वारा समूह लोन योजनाएं चलाई जाती है।समूह लोन का इस्तेमाल कई कार्यो के लिए किया जा सकता है जैसे सिलाई, कढ़ाई, हस्तशिल्प, किराना दुकान आदि जैसे छोटे व्यवसाय को शुरू करना, पशुपालन या कृषि के लिए, आपातकालीन खर्च शिक्षा या स्वास्थ्य के लिए, आय सूजन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए। समूह लोन के लाभ
1.जमानत मुक्त लोन यह लोन बिना जमानत के यानी बिना संपत्ति को गिरवी रखे मिल जाते हैं। समूह लोन का इस्तेमाल करके ग्रामीण इलाकों में कई महिलाओं ने अपने छोटे व्यवसाय शुरू किए हैं।
2. कम ब्याज दरसामान्य लोन की तुलना में समूह लोन कम ब्याज दरों पर दिए जाते हैं। इसलिए स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के बीच एक काफी लोकप्रिय है।
3. आसान भुगतान लाभ समूह लोन के भुगतान की प्रक्रिया आसान होती है। यह लोन मासिक या त्रैमासिक किस्तों में भुगतान किए जा सकते हैं।
4. छोटी राशि के लोन स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को आमतौर पर छोटी राशि यानी 10000 रुपये से लेकर 100000 रुपये तक का लोन आसानी से मिल जाता है। लोन की राशि समूह के आकार और आवश्यकता पर निर्भर करती है।
5. महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा समूह लोन इस ज्यादातर महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। ताकि उन्हें सशक्त और आत्मनिर्भर बनाया जा सके। समूह लोन प्राप्त करने की प्रक्रिया समूह लोन लेने के लिए सबसे पहले समूह से संबंधित बैंक एनबीएफसी या सूक्ष्मिया वित्तीय संस्थान में जाकर आवेदन पत्र जमा करना होता है। आवेदन ऑनलाइन भी किया जा सकता है। समूह लोन लेने के लिए समूह के सभी सदस्यों का आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, समूह का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र, बैंक खाते का विवरण, बचत रिकॉर्ड, आय प्रमाण और व्यवसाय योजना या लोन के इस्तेमाल के बारे में विवरण देना होता है।