Exclusive: कैंसर से बचना है तो डेली डाइट में शामिल करें हल्दी, जामुन, प्याज और अनार- डॉक्टर ने भी माना लोहा- जानें क्या बताया
GH News May 16, 2025 11:06 PM

डॉ. मनदीप ने ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरियन कैंसर और माउथ कैंसर के मरीजों को कस्टमाइज ट्रीटमेंट से ठीक करने का दावा किया है. उन्होंने बताया कि कैंसर के मरीजों को ठीक करने में हल्दी, प्याज, अनार और जामुन की काफी अहम भूमिका रही.

कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने जब अपनी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के कैंसर इलाज में हल्दी, नीम, चुकंदर, अनार, नींबू जैसे कई तरह के फल शामिल किए जाने की बात की उनके खिलाफ एलोपैथिक डॉक्टर्स मानो बिफर ही गए थे. सिद्धू ने नेचुरोपैथी से पत्नी के फोर्थ स्टेज कैंसर ठीक होने की बात की थी. बढ़ते विवाद के बाद उन्हें पत्नी का प्रिस्क्रिप्शन तक शेयर करना पड़ गया था. यही नहीं उनका यह बयान सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था. उनके इस दावे पर कई सवाल भी उठाए गए. लेकिन अब गुरुग्राम के एक अस्पताल में निदेशक पद पर कार्यरत ऑंकोलोजिस्ट डॉ. मनदीप सिंह मल्होत्रा सामने आए हैं. डॉक्टर मल्होत्रा ने एक बार फिर से हल्दी, ग्रीन टी, अनार, प्याज, बेरी और नींबू जैसे कई फल और मसालों को कैंसर पेशेंट के खान-पान में शामिल कर बीमारी को ठीक करने की बात कही है.

डॉ. मनदीप ने इस दौरान ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरियन कैंसर और माउथ कैंसर के मरीजों को कस्टमाइज ट्रीटमेंट कर ठीक करने का दावा भी किया है. बता दें कि ये सभी मरीज लगभग फोर्थ स्टेज पर ही डॉ. मनदीप तक पहुंचे थे. न्यूजीलैंड की कमाला, ओवेरियन कैंसर से पीड़ित थीं. डॉ मनदीप ने उन्हें मीडिया से मिलवाया. कमाला को जब कैंसर के बारे में पता चला तो वह ऑलरेडी एडवांस स्टेज यानी स्टेज 4 पर थीं .कैंसर के ठीक होने की उम्मीद न के बराबर थी. कमाला का ये कैंसर दुनिया में महज 17 मामलों में से एक है, जिन्हें सिस्टिक टेराटोमा से स्क्वामस सेल कार्सिनोमा शामिल है.

भारत आने से पहले कमाला की 2 सर्जरी हुई, लेकिन ट्यूमर का बढ़ना नहीं रुका था. इंडिया.कॉम से बातचीत में कमाला ने बताया कि किस तरह से न्यूजीलैंड में उनके लिए कुछ और नहीं बचा था. उन्होंने आर्युर्वेद और नेचुरपैथी से कैंसर के इलाज के बारे में सुना था और उनकी ये खोज उन्हें डॉ. मनदीप सिंह मल्होत्रा तक लाई. कमाला ने बताया, ‘स्कैन में पेल्विक पेरिटोनियम, लिंफ नोड्स और फेफड़ों में भी मेटास्टेसिस का पता चला था.’

कमाला का ट्रीटमेंट शुरू किया गया, जिसमें हॉलिस्टिक एप्रोच शामिल किया गया और कीमोथेरेपी के साथ जेनेटिक प्रोफाइलिंग भी की गई. साथ ही न्यूट्रीशन इंटरवेंशन भी किया गया, जिसमें करक्यूमिन (हल्दी में पाया जाने वाला यौगिक) और विटामिन सी को उनके खान-पान में भरपूर रूप से शामिल किया गया. तीन महीने लगातार इलाज के बाद आज वह पूरी तरह से कैंसर मुक्त हो चुकी हैं.

कमाला अकेली नहीं हैं. इनके साथ चंडीगढ़ और कई देशों के मरीज इस जेनेटिक प्रोफाइल के साथ न्यूट्रीशन इंटरवेंशन वाला कस्टमाइज इलाज करवा रहे हैं या फिर करवा कर ठीक हो चुके हैं. हालांकि, डॉ. मनदीप के इलाज के इस पैटर्न ने एक बार फिर सवाल खड़ा किया है कि क्या आज जरूरत है इंटीग्रेटिव मेडिसिन की? क्या इससे इलाज संभव है?

इंटीग्रेटिव ट्रीटमेंट है क्या?

डॉक्टर मनदीप ने इंडिया.कॉम को बताया कि हमारे कैंसर के इलाज में कन्वेंशनल ट्रीटमेंट को नहीं रोका जाता है, बल्कि कीमोथेरेपी और सर्जरी के साथ हम पर्सनलाइज न्यूट्रीशन और आयुर्वेद का सहारा लेकर मरीज का हॉलिस्टिक इलाज कर रहे हैं. इसका फर्क हमें मरीजों पर सीधे तौर पर दिख रहा है. आर्ट ऑफ हीलिंग सेंटर के को-फाउंडर अर्पन तलवार ने बताया कि इस पूरे ट्रीटमेंट में हमने किसी भी मरीज से कीमोथेरेपी और सर्जरी को न कराने की बात नहीं की है, बल्कि एलोपैथिक इलाज के साथ हम ट्रेडिशनल ट्रीटमेंट जोड़कर किसी भी बीमारी के इलाज को और बेहतर करने की तरफ आगे बढ़े हैं और इसका हमें फायदा भी देखने को मिला है.

डॉ. मनदीप बताते हैं, ‘हर मरीज के कैंसर के हिसाब से उनका इलाज कस्टमाइज किया जाता है.’ फिलहाल उन्होंने ओरल, ब्रेस्ट और ओवेरियन कैंसर का ही इलाज किया है. वह बताते हैं, ‘कीमोथेरेपी की दवा के साथ हम कैंसर का जीन किस तरह से काम कर रहा है उसके हिसाब से खान-पान तक को कस्टमाइज करते हैं.’ डॉ. मल्होत्रा बताते हैं कि हमारा खास ध्यान ट्यूमर के ग्रोथ पर होता है. अगर कोई कैंसर ऐसा है, जिसमें प्रोटीन बहुतायत में है तो हम उस मरीज के खान-पान से हाई प्रोटीन डायट हटा देते हैं, क्योंकि वो हार्मफुल हो जाता है. डॉ. मनदीप ने हमें यह भी बताया कि यूरोपियन रिसर्च में इस पूरे सिस्टम को मॉलिक्यूलर ट्यूमर बोर्ड का नाम दिया है और इसका वहां खूब स्वागत भी किया गया है.

खान-पान में शामिल करें ये चीजें

डॉ. मनदीप ने हमें बताया कि उन्होंने अभी तक ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरियन कैंसर और माउथ कैंसर का ही इलाज किया है. वह आगे कहते हैं कि खान पान में लोगों के हल्दी और विटामिन सी जैसी चीजें बढ़ाने की हिदायत अपने मरीजों को दे रहा हूं. हल्दी को करक्यूमिन कहा जाता है..हालांकि इसे भारत की स्पाइस का राजा भी कहते हैं. यह एंटीसेप्टिक तो होता ही है. अगर रिसर्च पर नजर डालें तो इसमें मौजूद करक्यूमिन एंटी-इनफ्लैमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, कीमोप्रिवेंटिव और कीमोथेरैपैटिक एक्टीविटी में यूज किया जाता है. इसपर दुनियाभर में काफी रिसर्च भी हुई हैं और कई जरनल भी पब्लिश हो चुके हैं.

बेरीज: बेरीज भी कैंसर के इलाज में खूब पॉपुलर है. भारत में जामुन खूब पॉपुलर है जो डायबिटीज के मरीज खाते हैं. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और केमिकल से दिल की बीमारी को कम करने से लेकर टाइप-2 डायबिटीज के रिस्क को तो कम करता है. साथ ही न्यूरोलॉजिकल डिसोर्डर और कैंसर के इलाज में भी मददगार साबित होता है.

ग्रीन टी: ग्रीन टी पीने की सलाह मोटापा को कम करने के लिए तो काफी समय से दी जा रही है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में भी इसका भरपूर उपयोग किया जाता है. रिसर्च से ये पता चला है कि ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम में ग्रीन टी पीने से कैंसर सेल्स की ग्रोथ नहीं होती है. यह इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है. एंटी ऑक्सीडेंट होने के कारण ये स्ट्रेस, दिल की बीमारी और जलन को भी कम करता है. बता दें कि ग्रीन टी में एपीगैलोकैटीन-3 गैलैट यानी EGGC नाम का रसायन पाया जाता है जो कैंसर की रोकथाम में अहम रोल निभाता है.

प्याज भी काफी लाभकारी होता है. प्याज में सलफर होता है जो ओवरी में ट्यूमर के विकास को रोकता है साथ ही ओवेरियन कैंसर को भी रोकने में काम आता है. यही नहीं प्याज में फाइसेटिन और क्वेरसेटिन भी होते हैं, जो फ्लेवोनोइड एंटीऑक्सीडेंट हैं जो ट्यूमर के विकास को रोक सकते हैं. अनार को सुपरफूड की कैटेगरी में रखा गया है.

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