नारनौल में बिना लाइसेंस अस्पताल पर सीएम फ्लाइंग की छापेमारी
newzfatafat May 17, 2025 12:42 AM
नारनौल में अवैध अस्पताल का मामला

Narnaul Crime: CM Flying raids unlicensed hospital in Narnaul, exposes the truth: हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक फिजियोथेरेपिस्ट बिना किसी लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के अस्पताल चला रहा था।


सीएम फ्लाइंग की टीम ने एक शिकायत के आधार पर छापेमारी की, जिसके दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। यह फिजियोथेरेपिस्ट न केवल मरीजों का इलाज कर रहा था, बल्कि उन्हें ग्लूकोस चढ़ाने और दवाइयां देने जैसे गंभीर कार्य भी कर रहा था। अस्पताल में एक्स-रे, लैब, और दवा की दुकान जैसी सुविधाएं भी थीं, जो बिना किसी वैध अनुमति के संचालित हो रही थीं। यह मामला न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठाता है, बल्कि आम लोगों की सुरक्षा के लिए भी एक चेतावनी है।


सीएम फ्लाइंग की रेड का विवरण

नारनौल के गांव डोहर कला में स्थित शिवांगी अस्पताल में गुरुवार शाम को सीएम फ्लाइंग और रेवाड़ी गुप्तचर विभाग की संयुक्त टीम ने छापेमारी की।


इस दौरान जो तथ्य सामने आए, वे हैरान करने वाले थे। अस्पताल बिना किसी वैध लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन के चलाया जा रहा था। जब टीम ने अस्पताल के दस्तावेज मांगे, तो वहां मौजूद सोनू यादव, जो खुद को डॉक्टर बता रहा था, कोई वैध कागजात पेश नहीं कर सका। यह खुलासा मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ का गंभीर मामला उजागर करता है।


चौंकाने वाले खुलासे

छापेमारी के दौरान सीएम फ्लाइंग की टीम को अस्पताल में कई अनियमितताएं मिलीं। एक महिला मरीज को बेड पर ग्लूकोस चढ़ाया जा रहा था, जिसे फिजियोथेरेपिस्ट सोनू यादव ने खुद लगाया था। अस्पताल में ओपीडी रूम में मरीजों का इलाज चल रहा था,


और यहां तक कि एक्स-रे और खून की जांच के लिए एक लैब भी संचालित हो रही थी। सबसे हैरानी की बात यह थी कि अस्पताल के अंदर ही एक दवा की दुकान चल रही थी, जहां से मरीजों को दवाइयां दी जा रही थीं। ये सभी सेवाएं बिना किसी वैध अनुमति के प्रदान की जा रही थीं, जो चौंकाने वाले खुलासे का हिस्सा बने।


फिजियोथेरेपिस्ट की मनमानी

यह मामला इसलिए और गंभीर है, क्योंकि सोनू यादव एक फिजियोथेरेपिस्ट था, जिसे न तो डॉक्टरी की डिग्री थी और न ही मरीजों का इलाज करने का कोई वैध लाइसेंस। फिर भी, वह न केवल मरीजों को देख रहा था, बल्कि ग्लूकोस चढ़ाने और दवाइयां देने जैसे कार्य कर रहा था।


यह न केवल चिकित्सा नियमों का उल्लंघन है, बल्कि मरीजों की जान को खतरे में डालने वाला कृत्य भी है। सीएम फ्लाइंग की इस कार्रवाई ने ऐसे अवैध अस्पतालों पर नकेल कसने की जरूरत को उजागर किया है।


पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई

सीएम फ्लाइंग की टीम ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए उच्च अधिकारियों को विस्तृत रिपोर्ट सौंप दी है। इसके साथ ही, पुलिस को सोनू यादव के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए शिकायत दी गई है। टीम ने अस्पताल के सभी अवैध दस्तावेजों और उपकरणों को जब्त कर लिया है, और आगे की जांच शुरू कर दी गई है।


यह कार्रवाई न केवल इस अस्पताल के खिलाफ, बल्कि पूरे क्षेत्र में ऐसी अवैध गतिविधियों पर नजर रखने का संदेश देती है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी स्वास्थ्य सेवा का उपयोग करने से पहले उसकी वैधता की जांच करें।


मरीजों की सुरक्षा पर सवाल

यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठाती है। बिना लाइसेंस अस्पताल चलाना न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि यह मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ भी है।


नारनौल के स्थानीय निवासी रमेश ने कहा, “हम सोचते हैं कि अस्पताल में इलाज सुरक्षित होगा, लेकिन ऐसे मामले डर पैदा करते हैं।” इस घटना ने लोगों को सतर्क किया है कि वे अपने इलाज के लिए केवल वैध और रजिस्टर्ड स्वास्थ्य केंद्रों का ही उपयोग करें। यह मामला स्वास्थ्य विभाग के लिए भी एक चेतावनी है कि ऐसी गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखी जाए।


समाज के लिए सबक

नारनौल में हुई इस छापेमारी ने समाज के लिए एक बड़ा सबक दिया है। बिना लाइसेंस अस्पताल और अयोग्य व्यक्तियों द्वारा इलाज जैसी गतिविधियां न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को खतरे में डालती हैं, बल्कि पूरे समुदाय की सुरक्षा के लिए भी खतरा हैं।


सीएम फ्लाइंग की इस रेड ने न केवल एक अवैध अस्पताल को बेनकाब किया, बल्कि लोगों को जागरूक करने का भी काम किया। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नियमित जांच और कठोर कानूनी कार्रवाई जरूरी है।


आगे की राह

इस मामले ने स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को और सतर्क कर दिया है। सीएम फ्लाइंग की इस कार्रवाई ने अन्य अवैध अस्पतालों के लिए भी एक चेतावनी जारी की है। लोगों से अपील की जा रही है कि वे किसी भी अस्पताल या क्लिनिक में इलाज कराने से पहले उसके लाइसेंस और डॉक्टर की योग्यता की जांच करें।


नारनौल की यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि सतर्कता और जागरूकता ही ऐसी गतिविधियों को रोकने का सबसे बड़ा हथियार है। सीएम फ्लाइंग की इस रेड ने न केवल एक साजिश को उजागर किया, बल्कि मरीजों की सुरक्षा के लिए एक नई उम्मीद भी जगाई है।


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