EAM Jaishankar Foreign Visit, (News), नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर 19 से 24 मई तक नीदरलैंड, जर्मनी और डेनमार्क के आधिकारिक दौरे पर रहेंगे। विदेश मंत्रालय ने आज एक बयान जारी कर यह जानकारी दी। इसमें कहा गया है कि अपनी यात्रा के दौरान, जयशंकर तीनों देशों के नेतृत्व से मिलेंगे और द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण दायरे पर चर्चा करेंगे। पारस्परिक हितों के वैश्विक और क्षेत्रीय मामलों पर भी चर्चा होगी।
जर्मनी के नए संघीय चांसलर बन हैं फ्रेडरिक मर्ज
जयशंकर की जर्मनी यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब फ्रेडरिक मर्ज़ ने इस साल मई में जर्मनी के नए संघीय चांसलर के रूप में पदभार संभाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रेडरिक मर्ज़ को अपनी हार्दिक बधाई दी थी और भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए चांसलर मर्ज़ के साथ मिलकर काम करने की अपनी इच्छा व्यक्त की थी।
तीनों देशों ने की थी पहलगाम हमले की निंदा
भारत इन तीनों देशों ( नीदरलैंड,जर्मनी, डेनमार्क ) के साथ मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध साझा करता है। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए नृशंस आतंकी हमले के मद्देनजर, ये तीनों देश दुनिया भर के उन कई देशों में शामिल थे, जिन्होंने भारत के प्रति एकजुटता व्यक्त की थी।
डेनमार्क पीएम ने की थी आतंकवाद की निंदा
डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन ने भारत को समर्थन की पेशकश की और आतंकवाद के सभी कृत्यों की निंदा की। उन्होंने हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति संवेदना भी व्यक्त की। डेनमार्क के पीएम कार्यालय ने एक्स पर लिखा, पहलगाम से भयानक खबर। डेनमार्क भारत के साथ खड़ा है और आतंकवाद के सभी कृत्यों की कड़ी निंदा करता है। हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों और प्रियजनों के प्रति हमारी संवेदना।
नीदरलैंड आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ : राष्ट्रपति
पूर्व जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने पहलगाम में पर्यटकों के खिलाफ आतंकवादी हमले की निंदा की थी। उन्होंने भारत के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त कर हमले में घायल हुए सभी लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की थी। नीदरलैंड के राष्ट्रपति डिक शूफ ने कहा था, नीदरलैंड आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है, अभी और भविष्य में भी।
नीदरलैंड के बीच राजनयिक संबंध 75 साल से अधिक पुराने
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत-डेनमार्क संबंधों के नए विकास को हरित रणनीतिक साझेदारी द्वारा निर्देशित किया गया है। भारत और नीदरलैंड के बीच राजनयिक संबंध 75 साल से अधिक पुराने हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों देशों के बीच मजबूत राजनीतिक, आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध हैं। उच्च स्तरीय पारस्परिक आदान-प्रदान ने दोनों देशों के बीच बहुआयामी साझेदारी को गति प्रदान की है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत और जर्मनी के बीच रणनीतिक साझेदारी है, जिसमें भारत सत्तर साल पहले द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जर्मनी के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले देशों में से एक था।
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