
होम लोन की नई स्थिति
होम लोन: यदि आप अपने सपनों का घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह समय आपके लिए अनुकूल है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2025 में दो बार रेपो रेट में कटौती की है, जिससे यह 6.5 प्रतिशत से घटकर 6 प्रतिशत पर आ गया है। यह कटौती फरवरी 2025 में हुई, जब मई 2022 से फरवरी 2023 तक दरें लगातार बढ़ रही थीं और फिर स्थिर रहीं।
इस कटौती का सीधा लाभ आम लोगों को मिल रहा है। होम लोन की ब्याज दरें अब 8 प्रतिशत से कम हो गई हैं, जिससे ईएमआई में कमी आई है। इसका अर्थ है कि अब घर खरीदना पहले से अधिक सस्ता और आसान हो गया है।
फ्लोटिंग-रेट होम लोन पर ब्याज दरें
फ्लोटिंग-रेट होम लोन पर सबसे कम ब्याज दरें
9 मई 2025 तक, कुछ बैंकों द्वारा फ्लोटिंग रेट होम लोन पर निम्नलिखित ब्याज दरें उपलब्ध हैं। ये दरें केवल उन्हीं ग्राहकों के लिए हैं जो बैंक की शर्तों को पूरा करते हैं। बैंक की नीतियों और देश की आर्थिक स्थिति के अनुसार ये दरें बदल सकती हैं। होम लोन की ईएमआई दो भागों में विभाजित होती है: मूलधन (principal) और ब्याज (interest).
यदि आप 30 लाख रुपये का होम लोन 20 वर्षों के लिए लेना चाहते हैं, तो यहां 10 सरकारी बैंक हैं जो सबसे कम ईएमआई पर लोन प्रदान कर रहे हैं:
- Canara Bank – 7.80 प्रतिशत ब्याज दर पर 24,721 रुपये की ईएमआई.
- Bank of Maharashtra – 7.85 प्रतिशत ब्याज दर पर 24,814 रुपये की ईएमआई.
- Central Bank of India – 7.85 प्रतिशत ब्याज दर पर 24,814 रुपये की ईएमआई.
- Union Bank of India – 7.85 प्रतिशत ब्याज दर पर 24,814 रुपये की ईएमआई.
- Indian Bank – 7.90 प्रतिशत ब्याज दर पर 24,900 रुपये की ईएमआई.
- Indian Overseas Bank – 7.90 प्रतिशत ब्याज दर पर 24,900 रुपये की ईएमआई.
- Bank of Baroda – 8 प्रतिशत ब्याज दर पर 24,900 रुपये की ईएमआई.
- Bank of India – 8 प्रतिशत ब्याज दर पर 25,080 रुपये की ईएमआई.
- State Bank of India (SBI) – 8 प्रतिशत ब्याज दर पर 25,080 रुपये की ईएमआई.
- Punjab National Bank (PNB) – 8 प्रतिशत ब्याज दर पर 25,080 रुपये की ईएमआई.
ईएमआई को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण कारक
EMI को प्रभावित करने वाले कुछ जरूरी फैक्टर
ईएमआई केवल ब्याज दर पर निर्भर नहीं करती, बल्कि कुछ अन्य कारकों पर भी निर्भर करती है। आइए जानते हैं वे कौन से कारक हैं:
- क्रेडिट स्कोर: यदि आपका स्कोर 750 या उससे अधिक है, तो आपको कम ब्याज पर लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है.
- बेंचमार्क रेट: RBI की रेपो रेट जैसी बाहरी दरें भी लोन की ब्याज दर को प्रभावित करती हैं.
- इंटरेस्ट रेट का टाइप: फ्लोटिंग रेट वाले लोन बाजार के अनुसार बदलते हैं, जबकि फिक्स्ड रेट वाले लोन में दर तय रहती है.
- लोन की रकम: अधिक राशि वाले लोन पर ब्याज दर थोड़ी अधिक हो सकती है.
- प्रॉपर्टी का लोकेशन: यदि घर अच्छी लोकेशन में है और उसकी रीसेल वैल्यू अच्छी है, तो बैंक आपको कम ब्याज पर लोन दे सकता है.