जासूसी के आरोप में गिरफ्तार ज्योति मल्होत्रा की पाक यात्रा का दानिश ने उठाया था खर्च, खुफिया एजेंसियों के सम्पर्क में लाया
Lifeberrys Hindi May 18, 2025 06:42 PM

नई दिल्ली। हरियाणा की रहने वाली यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जांच में सामने आया है कि वह पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात एक राजनयिक अधिकारी अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में थी। दानिश ने न केवल ज्योति की पाकिस्तान यात्रा को प्रायोजित किया, बल्कि उसे खुफिया एजेंसियों के संपर्क में भी लाया। बताया जा रहा है कि ज्योति पहलगाम आतंकी हमले और भारत-पाक तनाव के समय भी लगातार पाकिस्तानी एजेंटों से संपर्क में थी। सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि वह ऑपरेशन सिंदूर और अन्य सैन्य गतिविधियों से जुड़ी जानकारी पाकिस्तान को मुहैया करा रही थी। उसकी गिरफ्तारी के बाद कई अन्य सोशल मीडिया प्रभावितों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है, जिन्हें अब जांच के दायरे में लाया जा रहा है।

दानिश की भूमिका: राजनयिक की आड़ में खुफिया एजेंट


अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश, जो पाकिस्तान उच्चायोग में राजनयिक के तौर पर तैनात था, अब भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर है। जांच में पता चला है कि दानिश ने भारत के अंदर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स तक पहुंच बनाने की सुनियोजित रणनीति अपनाई। वह न केवल यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के संपर्क में था, बल्कि अन्य प्रभावशाली चेहरों से भी मेलजोल बढ़ा रहा था। दानिश का उद्देश्य पाकिस्तानी एजेंडे को भारतीय डिजिटल स्पेस में बढ़ावा देना और संवेदनशील सूचनाएं हासिल करना था। भारतीय एजेंसियों ने उसे "अवांछित गतिविधियों" में शामिल पाते हुए 24 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया, जो उसकी गतिविधियों की गंभीरता को दर्शाता है।

ज्योति की पाकिस्तान यात्रा: एक एजेंडे के तहत हुई मेहमाननवाज़ी

ज्योति मल्होत्रा की पाकिस्तान यात्रा केवल एक औपचारिक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं थी, बल्कि उसके पीछे एक बड़ी रणनीति छिपी थी। इस यात्रा के दौरान उसकी मुलाकात दानिश और पाक खुफिया एजेंटों से करवाई गई। सूत्रों के अनुसार, यात्रा का पूरा खर्चा दानिश ने वहन किया और उसे वहां विशेष "गेस्ट ट्रीटमेंट" दिया गया। यह भी सामने आया है कि बाद में ज्योति ने दानिश की सिफारिश पर दोबारा पाकिस्तान की यात्रा की, जहां उसने शकीर और राणा शाहबाज जैसे एजेंटों से भी मुलाकात की। इन बैठकों के दौरान न केवल नेटवर्किंग हुई बल्कि खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान की नींव भी रखी गई।

भारतीय एजेंसियों की कार्रवाई: डिजिटल जांच से मिली अहम कड़ियां


ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी के बाद भारतीय जांच एजेंसियों ने उसकी डिजिटल गतिविधियों को खंगालना शुरू किया। उसकी डिवाइसेज़, कॉल रिकॉर्ड्स, ईमेल्स और सोशल मीडिया प्रोफाइल्स से कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। सुरक्षा एजेंसियों ने पाया कि वह न केवल दानिश से लगातार संपर्क में थी, बल्कि कई पाकिस्तानी नंबरों से संवाद करती थी। साथ ही, कुछ दस्तावेज़ी सबूत भी मिले हैं जिनसे यह संकेत मिलता है कि वह सैन्य ठिकानों और रणनीतिक जानकारी को पाकिस्तान तक पहुंचा रही थी। फिलहाल एजेंसियां उसकी गतिविधियों से जुड़े अन्य व्यक्तियों की पहचान कर रही हैं और जल्द ही कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

साइबर जासूसी और सोशल मीडिया की भूमिका: डिजिटल प्लेटफॉर्म बना खतरा

यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि आज के दौर में सोशल मीडिया केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं, बल्कि जासूसी और खुफिया संचालन का टूल भी बन गया है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां भारत के युवाओं और डिजिटल इन्फ्लुएंसर्स को अपने एजेंडे के लिए टारगेट कर रही हैं। दानिश जैसे अधिकारी सोशल नेटवर्क्स के जरिए अपनी पकड़ बना रहे हैं और डिजिटल माध्यम से संवेदनशील सूचनाएं इकट्ठा करने की कोशिश कर रहे हैं। ज्योति का मामला बताता है कि किस तरह एक सामान्य यूट्यूबर को निशाना बनाकर उसे "एसेट" में तब्दील किया गया और भारत की सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश की गई।

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