पंजाब में नशा मुक्ति का जन आंदोलन: क्या है 'आप' का नया अभियान?
newzfatafat May 19, 2025 02:42 PM
पंजाब में नशे के खिलाफ समाज की एकजुटता

पंजाब: पंजाब में नशे के खिलाफ अब केवल सरकार ही नहीं, बल्कि पूरा समाज एकजुट होता दिखाई दे रहा है। आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा शुरू किया गया 'नशा मुक्ति अभियान' अब एक व्यापक जन आंदोलन का रूप ले चुका है। मुख्यमंत्री भगवंत मान और पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में राज्य के सभी 117 विधानसभा क्षेत्रों में एक ही दिन में 351 नशा मुक्ति यात्राएं आयोजित की गईं। इन यात्राओं में अब तक 2 लाख से अधिक लोग शामिल हो चुके हैं.


गांवों से उठी आवाज - 'नशा नहीं, विकास चाहिए'

'आप' सरकार ने यह संकल्प लिया है कि पंजाब को नशा मुक्त बनाना है, और इसके लिए मंत्रियों, विधायकों और कार्यकर्ताओं को खुद मैदान में उतारा गया है। प्रत्येक विधायक और मंत्री ने अपने-अपने क्षेत्रों में तीन-तीन गांवों में यात्राएं कीं। इन यात्राओं का उद्देश्य लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक करना और उन्हें सरकार के 'युद्ध नशे विरुद्ध' अभियान से जोड़ना है.


इन यात्राओं में नेता केवल भाषण नहीं दे रहे, बल्कि गांव-गांव जाकर लोगों से संवाद कर रहे हैं, उन्हें शपथ दिला रहे हैं कि वे नशे से दूर रहेंगे और नशा तस्करों का बहिष्कार करेंगे। कई पंचायतों ने अपने गांवों को 'नशा मुक्त' घोषित भी किया है.


मंत्रियों की भूमिका - 'नशा विरोधी दूत'

इस मुहिम में पंजाब सरकार के सभी कैबिनेट मंत्री भी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने अपने क्षेत्र दिड़बा में यात्रा निकाली और कहा, 'नशे के खिलाफ जंग से ही पंजाब की खुशहाली लौटेगी'। मंत्री हरजोत बैंस ने आनंदपुर साहिब में यात्रा निकालते हुए कहा, 'रोजगार और खेल ही युवाओं को नशे से दूर रख सकते हैं.'


मंत्री कुलदीप धालीवाल ने अजनाला में लोगों को संबोधित करते हुए नशा तस्करों का बहिष्कार करने की अपील की। स्वास्थ्य मंत्री डॉ बलबीर सिंह ने पटियाला के गांवों में जाकर लोगों को नशे के दुष्प्रभाव समझाए.


डिप्टी स्पीकर जय किशन सिंह रोड़ी, स्पीकर कुलतार सिंह संधवां, और मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ समेत कई अन्य नेताओं ने भी अपने-अपने क्षेत्रों में यात्राएं कीं.


समाज की जिम्मेदारी - नशा मुक्ति का अभियान

इस यात्रा के दौरान पंचायतें भी आगे आकर नेतृत्व कर रही हैं। कई स्थानों पर सरपंचों ने सार्वजनिक सभाओं में भाग लेकर गांववासियों को नशे के खिलाफ खड़ा होने की शपथ दिलवाई। लोगों में इस मुहिम को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। कई जगहों पर ग्रामीण खुद आगे आकर नशे के खिलाफ बातें कर रहे हैं और सरकार की इस पहल की खुले दिल से तारीफ कर रहे हैं.


नशा मिटेगा, तब ही पंजाब खिलेगा

इस पूरी मुहिम से स्पष्ट है कि पंजाब सरकार अब नशे के खिलाफ केवल नारों से नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर लड़ाई लड़ रही है। लोगों की भागीदारी इसे और मजबूत बना रही है। यदि यही जोश और जागरूकता बनी रही, तो वह दिन दूर नहीं जब पंजाब एक बार फिर अपने सांस्कृतिक और सामाजिक गौरव के साथ खड़ा होगा - पूरी तरह नशा मुक्त.


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