प्रोफेसर खान की गिरफ्तारी से बीजेपी का डर उजागर, समर्थन का मतलब ये नहीं कि सरकार से नहीं कर सकते सवाल: खड़गे
Navjivan Hindi May 19, 2025 10:42 PM

पहलगाम आतंकी हमला और अब ऑपरेशन सिंदूर के बाद उन लोगों के खिलाफ बीजेपी शासित राज्यों में कार्रवाई हो रही है, जिन्होंने सरकार से सवाल किया। इसी कड़ी में प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद का नाम भी जुड़ गया है। ऑपरेशन सिंदूर पर जैसे ही प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ने बयान दिया, उनके खिलाफ पहले तो एफआईआर दर्ज की उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

बड़ी संख्या में प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद का समर्थन करते हुए लोग यह कह रहे हैं क्या सरकार से सवाल पूछना भी जुर्म है? इसी कड़ी में प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की प्रतिक्रिया आई है।

कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हमारे सशस्त्र बलों, नौकरशाहों, शिक्षाविदों, बुद्धिजीवियों और उनके परिवारों के साथ खड़ी है।”

उन्होंने कहा, "मैं किसी भी व्यक्ति के चरित्र हनन, बदनामी, ट्रोलिंग, उत्पीड़न, गैरकानूनी गिरफ्तारी और किसी भी व्यावसायिक इकाई की बर्बरता की निंदा करता हूं, चाहे वह किसी भी तरह के तत्वों द्वारा या आधिकारिक राज्य मशीनरी के माध्यम से हो।”

'महमूदाबाद की गिरफ्तार से पता चलता है कितनी डरी हुई है BJP'

खड़गे ने कहा, “अशोका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी से पता चलता है कि बीजेपी किसी भी राय से कितनी डरती है, जो उन्हें पसंद नहीं है। यह एक श्रृंखलाबद्ध प्रतिक्रिया का परिणाम है जो हमारे शहीद नौसेना अधिकारी की शोक संतप्त विधवा, हमारे विदेश सचिव और उनकी बेटी को निशाना बनाने और भारतीय सेना में सेवारत कर्नल के लिए बीजेपी के एक मंत्री द्वारा की गई निंदनीय अपमानजनक टिप्पणियों से शुरू हुई।”

कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, “हमारे बहादुर सशस्त्र बलों के खिलाफ घृणित बयान देने वाले अपने ही मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और मंत्री को बर्खास्त करने के बजाय, बीजेपी-आरएसएस यह कहानी गढ़ने में लगी हुई है कि जो कोई भी बहुलवाद का प्रतिनिधित्व करता है, सरकार से सवाल करता है या राष्ट्र की सेवा में अपने पेशेवर कर्तव्य का पालन करता है, वह इसके अस्तित्व के लिए खतरा है।”

खड़गे ने कहा, “जब राष्ट्रीय हित सर्वोपरि हो तो सशस्त्र बलों और सरकार का समर्थन करने का मतलब यह नहीं है कि हम सरकार से सवाल नहीं कर सकते। जबकि कांग्रेस पार्टी के लिए राष्ट्रीय एकता सर्वोपरि है, बीजेपी को यह नहीं सोचना चाहिए कि वह मौजूदा घटनाक्रम की आड़ में तानाशाही को बढ़ावा दे सकती है। लोकतंत्र को मजबूती से खड़ा होना चाहिए।” 

महमूदाबाद की याचिका पर सुनवाई के लिए SC तैयार

उधर, सुप्रीम कोर्ट ने आज अली खान महमूदाबाद की याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई। प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने एसोसिएट प्रोफेसर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलों पर गौर किया और कहा कि याचिकाओं को मंगलवार या बुधवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।

सिब्बल ने कहा, ‘‘उन्हें देशभक्ति वाले बयान के लिए गिरफ्तार किया गया है। कृपया इसे आज सूचीबद्ध करें।’’

चीफ जस्टिस ने कहा, ‘‘कृपया इसे कल या परसों सूचीबद्ध किया जाए।’’

कौन हैं प्रोफेसर महमूदाबाद, उन्होंने क्या बयान दिया है?

अली खान महमूदाबाद हरियाणा की अशोका यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। वह अशोका यूनिवर्सिटी के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख हैं।

8 मई को की गई पोस्ट में प्रोफेसर अली खान ने लिखा था, "इतने सारे दक्षिणपंथी टिप्पणीकार कर्नल सोफिया कुरैशी की तारीफ कर रहे हैं, यह देखकर मैं खुश हूं। लेकिन यह लोग शायद इसी तरह से मॉब लिंचिंग के पीड़ितों, मनमाने ढंग से बुलडोज़र चलाने और बीजेपी के नफरत फैलाने के शिकार लोगों को लेकर भी आवाज उठा सकते हैं कि इन लोगों को भारतीय नागरिक के तौर पर सुरक्षा दी जाए।"

प्रोफेसर अली खान ने आगे लिखा, "दो महिला सैनिकों के जरिए जानकारी देने का नजरिया महत्वपूर्ण है। लेकिन इस नजरिए को हकीकत में बदलना चाहिए, नहीं तो यह केवल पाखंड है।"

प्रोफेसर अली खान ने अपने इसी पोस्ट में भारत की विविधता की भी तारीफ की थी। उन्होंने लिखा, "सरकार जो दिखाने की कोशिश कर रही है उसकी तुलना में आम मुसलमानों के सामने जमीनी हकीकत अलग है। लेकिन साथ ही इस प्रेस कॉन्फ्रेंस (कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की प्रेस ब्रीफिंग) से पता चलता है कि भारत अपनी विविधता में एकजुट है और एक विचार के रूप में पूरी तरह से मरा नहीं है।" प्रोफेसर अली खान ने अपनी पोस्ट के आखिर में तिरंगे के साथ 'जय हिंद' लिखा।

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