भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म में पूजा, ध्यान और आराधना का गहरा महत्व है। जब कोई व्यक्ति श्रद्धा और समर्पण के साथ ईश्वर की पूजा करता है, तो भगवान अपने भक्त को संकेतों के माध्यम से अपनी उपस्थिति का अनुभव कराते हैं। कई शुभ संकेत होते हैं, जो पूजा के दौरान प्रकट होते हैं, और यदि ये संकेत दिखाई दें, तो समझें कि भगवान आपके साथ हैं और आपकी भक्ति से प्रसन्न होकर आपको बड़ा लाभ देने वाले हैं।
यदि पूजा के समय दीपक की लौ बिना किसी हवा के तेज़ी से揺ने लगे या एकदम सीधी हो जाए, तो यह संकेत है कि ईश्वर की ऊर्जा उस स्थान पर सक्रिय है। ऐसी स्थिति में माना जाता है कि भगवान उस स्थान पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं.
यदि पूजा के समय अगरबत्ती या धूप की खुशबू अचानक से अधिक फैलने लगे, तो यह संकेत है कि कोई दिव्य शक्ति आपके पास है। कभी-कभी बिना जलाए भी वातावरण में चंदन या फूलों की सुगंध आना शुभ होता है.
अगर पूजा में रखे फूल भगवान की मूर्ति या तस्वीर पर अपने आप गिर जाएं, तो यह संकेत है कि ईश्वर ने आपकी पूजा स्वीकार कर ली है। यह भविष्य में अच्छे समय और आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है.
यदि पूजा करते समय घंटी की ध्वनि सामान्य से अधिक गूंजने लगे या शंख की आवाज विशेष रूप से शक्तिशाली लगे, तो समझें कि आपकी पूजा दिव्य लोक तक पहुंच रही है और भगवान उस ध्वनि के माध्यम से संवाद कर रहे हैं.
यदि पूजा के दौरान घर के मंदिर में या आस-पास अचानक तितली, पक्षी या गाय जैसे पवित्र जीव आ जाएं, तो यह भी एक अत्यंत शुभ संकेत होता है। यह दर्शाता है कि आपका स्थान ईश्वर की कृपा से पावन हो गया है.
जब ऐसे संकेत दिखाई दें, तो समझें कि भगवान आपकी प्रार्थना सुन रहे हैं। इसका अर्थ यह भी है कि आपकी मनोकामना शीघ्र ही पूर्ण हो सकती है। निरंतर भक्ति, सच्चे मन से जप और पूजा से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और मानसिक संतुलन बना रहता है.
ईश्वर हमेशा अपने भक्तों के साथ रहते हैं, बस ज़रूरत होती है उन्हें सच्चे मन से पुकारने की। पूजा-पाठ के समय जो संकेत प्रकृति और वातावरण के माध्यम से मिलते हैं, वे हमें यह विश्वास दिलाते हैं कि हम अकेले नहीं हैं। यदि आपको भी पूजा के समय ऐसे दिव्य संकेत मिलें, तो समझें कि आपके जीवन में ईश्वर का विशेष आशीर्वाद है। ऐसे समय में अपनी श्रद्धा और सेवा को और गहरा करें, क्योंकि भक्ति का फल आपको निश्चित रूप से बड़े रूप में मिलेगा.