दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने विधायक निधि में कमी की है। नई सरकार के गठन के बाद, विधायकों को जो फंड दिया गया है, वह अब पांच करोड़ रुपये है। इससे पहले, आम आदमी पार्टी की सरकार ने हर विधायक के लिए अपने क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपये का फंड निर्धारित किया था। इससे पहले के वर्षों में, आप सरकार ने 15 करोड़ रुपये का फंड भी जारी किया था।
सूत्रों के अनुसार, सरकार ने विधायक निधि को स्थायी रूप से 15 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन इसे मंजूरी नहीं मिली।
दिल्ली में विधायकों को कानूनी रूप से सालाना 10 करोड़ रुपये की निधि मिलती थी, जिसे रेखा गुप्ता सरकार ने घटाकर पांच करोड़ रुपये कर दिया है। यह ध्यान देने योग्य है कि सांसदों को विकास निधि के रूप में केवल पांच करोड़ रुपये मिलते हैं। कहा जा रहा है कि इसी कारण विधायक निधि को पांच करोड़ रुपये किया गया है।
हालांकि, भाजपा के विधायक इस निर्णय से नाराज हैं। उनका कहना है कि दिल्ली की स्थिति अन्य राज्यों से भिन्न है, और यहां विधायकों को अधिक फंड की आवश्यकता होती है। उन्हें इस बात की चिंता है कि निगम पार्षद उनसे अधिक कार्य करने में सक्षम हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने विधायक फंड में कटौती की शिकायत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से भी की है।