ज्योति मल्होत्रा, जो पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में पकड़ी गई हैं, को 5 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। शनिवार से उनकी लगातार पूछताछ की जा रही है। रविवार को, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और अन्य जांच एजेंसियों ने सिविल लाइन थाने में उनसे लगभग 5 घंटे तक सवाल-जवाब किए। सोमवार को भी एनआईए ने ज्योति से पूछताछ जारी रखी। ज्योति आत्मविश्वास से जवाब दे रही हैं और उनके चेहरे पर कोई डर नहीं दिख रहा है। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने उनका माइंड वाश किया था, लेकिन भारत की सुरक्षा से संबंधित जानकारी साझा करने से इनकार किया।
जांच में यह पता चला है कि कुरुक्षेत्र के हरकीरत ने ज्योति को पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारी दानिश से मिलवाया था। हरकीरत ने ही ज्योति को पहली बार पाकिस्तान भेजने का काम किया था। रविवार को पुलिस ने हरकीरत का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है और जरूरत पड़ने पर उसे गिरफ्तार भी किया जा सकता है। हरकीरत हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का सदस्य है और वह पाकिस्तान जाने वाले जत्थों के वीजा का प्रबंध करता था।
रविवार रात को, पुलिस ने ज्योति को उनके घर ले जाकर कुछ दस्तावेज बरामद किए। ज्योति वहां लगभग 15 मिनट तक रुकी और अपने ताऊ से जल्द घर आने की बात की। एनआईए, आईबी, और अन्य एजेंसियां लगातार ज्योति से पूछताछ कर रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि पाकिस्तान में किस-किस अधिकारी से उनका संपर्क था और भारत की कौन-कौन सी जानकारियां मांगी गई थीं। इसके अलावा, उनके मोबाइल और लैपटॉप के डेटा की भी जांच की जा रही है।
एसएसपी शशांक कुमार सावन ने बताया कि ज्योति पर किसी प्रकार का दबाव नहीं था। पूछताछ में यह सामने आया है कि वह लाइक और सब्सक्राइबर्स के चक्कर में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के जाल में फंस गई। इसके बाद उन्हें स्पॉन्सर्ड यात्राएं मिलने लगीं, जो उन्हें पैसे कमाने का आसान तरीका लगा। उन्होंने बताया कि वह पहलगाम हमले से पहले कश्मीर गई थीं और इससे पहले पाकिस्तान भी गई थीं। इन दोनों घटनाओं के बीच संबंध की जांच की जा रही है।
भाजपा नेता निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि एनआईए और ईडी को ऐसे यूट्यूबर्स, मीडिया इन्फ्लूएंसर्स और पत्रकारों के पिछले 5 वर्षों के विदेशी दौरे, विज्ञापनों, बैंक खातों, और संपत्तियों की जांच करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 3 वर्षों में यूट्यूब से 21 हजार करोड़ रुपये भारतीयों को मिले हैं।