नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद से संबंधित मामलों में भारत का दृष्टिकोण वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने के लिए एक डेलिगेशन भेजने का निर्णय लिया है, जिसके चलते राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। विपक्षी दलों ने इस कदम पर सवाल उठाते हुए सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने सांसदों के चयन को सरकार की चाल बताया है, जबकि उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने इसे बारात की संज्ञा देते हुए बहिष्कार की बात कही है। इस बीच, ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के सांसद यूसुफ पठान ने इस डेलिगेशन में शामिल होने से मना कर दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विदेश दौरे के लिए कांग्रेस नेता के चयन को सरकार की चालाकी करार दिया है। जयपुर में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में गहलोत ने कहा, ‘शशि थरूर को पार्टी को सूचित करना चाहिए था। जब वे राजनीति में हैं और कांग्रेस से चुनाव जीतकर आते हैं, तो उन्हें विपक्षी दल और सरकार से कोई प्रस्ताव मिलने पर पार्टी हाईकमान से बात करनी चाहिए।’ गहलोत ने यह भी कहा कि अगर थरूर यह बात कह देते, तो यह मुद्दा ही नहीं बनता। उन्होंने सरकार पर विपक्ष में फूट डालने का आरोप भी लगाया।
गहलोत ने संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू पर भी हमला करते हुए कहा, ‘एक ओर वे कह रहे हैं कि नाम नहीं मांगे गए, फिर राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को फोन क्यों किया? किरेन रिजिजू अब लीपापोती कर रहे हैं। संदेश यही गया कि आपने फोन किया और चार नाम भेज दिए।’ उल्लेखनीय है कि कांग्रेस द्वारा भेजे गए चार नामों में से केवल आनंद शर्मा का चयन किया गया, जबकि अन्य नाम सरकार ने अपनी पसंद से चुने। दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस के सांसद यूसुफ पठान ने ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का संदेश देने वाले डेलिगेशन में शामिल होने से मना कर दिया है। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, टीएमसी यह तय करेगी कि उनकी ओर से कौन डेलिगेशन में जाएगा, न कि केंद्र सरकार या भाजपा।
उद्धव ठाकरे की शिवसेना के नेता संजय राउत ने इस डेलिगेशन को बारात बताते हुए विपक्ष से इसके बहिष्कार की अपील की है। हालांकि, विपक्ष के वरिष्ठ नेता शरद पवार ने राउत की इस मांग पर आपत्ति जताई है। पवार ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर दलगत राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि वे खुद पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव के कार्यकाल में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र गए थे। पवार ने कहा कि पहलगाम हमले और पाकिस्तान की गतिविधियों को लेकर भारत का पक्ष रखने के लिए केंद्र कुछ प्रतिनिधिमंडल भेज रहा है, इसलिए हमें दलगत राजनीति से ऊपर उठना चाहिए।