भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बताया है कि दक्षिण अरब सागर और उसके आस-पास की हवाओं की दिशा और गति में बदलाव देखा जा रहा है, जो मानसून की दस्तक का संकेत है। यदि यह गति बनी रही, तो 25 मई से पहले ही मानसून केरल में प्रवेश कर सकता है, जबकि सामान्यतः यह एक जून के आसपास आता है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि दक्षिणी हिंद महासागर में बन रही अनुकूल परिस्थितियां और हवा में नमी की मात्रा मानसून के समय से पहले आने की पुष्टि कर रही हैं। जल्दी मानसून का आगमन देश के अन्य हिस्सों में भी राहत ला सकता है, जिससे कृषि और जल संकट से जूझ रहे क्षेत्रों को मदद मिल सकती है।
केरल में समय से पहले बारिश शुरू होने से कृषि कार्यों की शुरुआत भी जल्दी हो सकती है। इसके अलावा, तापमान में गिरावट आने से लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी। विशेषकर उत्तर भारत के राज्यों में, जहां तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है, लोग मानसून की जल्दी आमद का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
हालांकि, मौसम विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि मानसून की प्रगति और उसका प्रभाव कई कारकों पर निर्भर करता है, इसलिए इसकी सटीक भविष्यवाणी के लिए निरंतर निगरानी आवश्यक है। यदि ये अनुमान सही साबित होते हैं, तो यह देश के लिए राहत की एक बड़ी खबर हो सकती है और समय से पहले मानसून इस बार कृषि और जल प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।