भारत के सबसे शक्तिशाली सोलर पैनल: ऊर्जा का भविष्य
Gyanhigyan May 21, 2025 10:42 AM
सोलर पैनल के लाभ

सोलर पैनल का उपयोग करने से उपयोगकर्ताओं को कई फायदे मिलते हैं। आधुनिक तकनीक के पैनल अधिक बिजली उत्पन्न करने में सक्षम होते हैं।


भारत का सबसे शक्तिशाली सोलर पैनल

सौर ऊर्जा को भविष्य की ऊर्जा माना जाता है, जो कि काफी मात्रा में बिजली उत्पन्न कर सकती है। सोलर सिस्टम बिजली की आवश्यकताओं को प्रभावी ढंग से पूरा करते हैं। वर्तमान में, निर्माता उन्नत तकनीक के सोलर पैनल विकसित कर रहे हैं। देश में सोलर पैनलों की क्षमता के अनुसार एक बड़ा बाजार मौजूद है।


स्थान के अनुसार सोलर पैनल का चयन

सोलर सिस्टम स्थापित करने के लिए सही स्थान का चयन करना आवश्यक है। घरों में आधुनिक तकनीक के कम क्षमता वाले पैनल के लिए कम जगह की आवश्यकता होती है। बिजली की खपत का सही आकलन करके उपयुक्त क्षमता का सोलर सिस्टम लगाया जा सकता है। औद्योगिक क्षेत्र में बड़े आकार के सोलर सिस्टम स्थापित किए जा सकते हैं, जिससे बिजली के बिल में कमी आती है।


575W की पावर रेटिंग वाला सोलर पैनल

Loom Solar भारत का प्रमुख सोलर ब्रांड है, जो उच्च गुणवत्ता वाले पैनल का निर्माण करता है। कंपनी ने 575 वॉट क्षमता के बाईफेशियल सोलर पैनल का निर्माण किया है। इसकी दक्षता 22% से अधिक है, और इसमें 144 सेल शामिल हैं। ये पैनल कंपनी की शार्क सीरीज में आते हैं। Loom Solar इन पैनलों पर 10 साल की उत्पाद वारंटी और 25 साल की प्रदर्शन वारंटी प्रदान करता है। इस पैनल की कीमत 20,250 रुपये है।


सबसे शक्तिशाली सोलर पैनल

Waaree कंपनी ने 715 वॉट के बाईफेशियल सोलर पैनल का निर्माण किया है, जिसकी दक्षता 22.88% है। इन पैनलों का उपयोग बड़े सोलर प्लांट में किया जा सकता है। Waaree की Flexes सीरीज में 685 से 715 वॉट तक के पैनल शामिल हैं, जो दोनों ओर से बिजली उत्पन्न कर 30% अधिक ऊर्जा पैदा कर सकते हैं। इस पर 30 साल की प्रदर्शन वारंटी दी गई है।


TOPCon सेल तकनीक

TOPCon सेल तकनीक को सोलर पैनलों में सबसे आधुनिक तकनीक माना जाता है। इसमें n-टाइप के सोलर सेल होते हैं, जो नकारात्मक प्रवाह उत्पन्न करते हैं। ये सेल कम रोशनी में भी अच्छी दक्षता के साथ बिजली उत्पन्न कर सकते हैं। सेल के अंतिम भाग में एल्यूमीनियम ऑक्साइड की परत होती है, जो दक्षता को बढ़ाती है।


भारत के लोकप्रिय सोलर पैनल

  • पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल- इनकी कम कीमत के कारण ये सबसे अधिक उपयोग किए जाते हैं। ये नीले रंग के होते हैं और इनकी दक्षता कम होती है।
  • मोनोक्रिस्टलाइन पैनल- ये पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल की तुलना में अधिक दक्ष होते हैं। ये गहरे नीले या काले रंग के होते हैं और इनकी कीमत थोड़ी अधिक होती है।
  • बाइफेशियल पैनल- ये आधुनिक तकनीक के पैनल दोनों ओर से अधिक बिजली उत्पन्न करते हैं, लेकिन इनकी कीमत भी अधिक होती है।
  • थिन-फिल्म सोलर पैनल- ये छोटे उपकरणों के लिए उपयुक्त होते हैं, लेकिन इनकी दक्षता कम होती है।

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