भारत में सोलर एनर्जी के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में टाटा सोलर कंपनी ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कंपनी ने 1 किलवाट के सोलर सिस्टम की कीमत को कम किया है, जिससे अधिक लोग इसे अपने घरों और कार्यस्थलों पर स्थापित कर सकें। इस लेख में, हम आपको टाटा के 1 किलोवाट सोलर सिस्टम की स्थापना की लागत और उपलब्ध सब्सिडी के बारे में जानकारी देंगे।
टाटा पावर सोलर आवासीय और व्यावसायिक उपयोग के लिए दो प्रकार के सोलर सिस्टम प्रदान करती है: ग्रिड टाई और ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम। ग्रिड टाई सिस्टम में सोलर पैनल, सोलर इन्वर्टर, ACDB/DCDB और अन्य उपकरण शामिल होते हैं, जबकि ऑफ ग्रिड सिस्टम में बैटरी का उपयोग किया जाता है, जो कि अधिक महंगा होता है।
सोलर सिस्टम में सबसे महत्वपूर्ण घटक सोलर पैनल होते हैं। टाटा कंपनी पॉलीक्रिस्टलाइन और मोनोक्रिस्टलाइन दोनों प्रकार के पैनल बनाती है। मोनोक्रिस्टलाइन पैनल की कीमत अधिक होती है, लेकिन उनकी दक्षता भी बेहतर होती है। 1 किलोवाट सोलर सिस्टम के लिए, टाटा के 330 वाट के तीन पैनल की लागत लगभग 35,000 रुपए होगी।
सोलर पैनल में सोलर पीवी सेल होते हैं, जो सौर ऊर्जा को बिजली में परिवर्तित करते हैं। इन पैनलों से उत्पन्न DC करंट को AC में बदलने के लिए एक इन्वर्टर की आवश्यकता होती है। टाटा का सोलर पीसीयू इन्वर्टर लगभग 20,000 रुपए में उपलब्ध है।
सोलर सिस्टम की स्थापना के लिए अन्य आवश्यक उपकरणों की भी आवश्यकता होती है, जैसे कि तार और एसीडीबी/डीसीडीबी। इन अतिरिक्त उपकरणों की लागत लगभग 20,000 रुपए होगी।
केंद्र सरकार द्वारा सोलर पैनल स्थापित करने पर सब्सिडी का लाभ भी दिया जाता है। 1 से 3 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनलों पर 40% की सरकारी सब्सिडी उपलब्ध है। ग्राहक आवेदन करके इस सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं।
टाटा पावर सोलर एक विश्वसनीय ब्रांड है, जो उच्च गुणवत्ता वाले सोलर उपकरणों का निर्माण करता है। कंपनी के सोलर पैनल 10 साल की प्रोडक्ट वारंटी और 25 साल की 80% बिजली उत्पादन की वारंटी के साथ आते हैं।
सोलर पैनल 330W x 3 पैनल | 35 हजार रुपए |
टाटा PCU सोलर इनवर्टर | 20 हजार रुपए |
माउंटिंग और इंस्टालेशन | 20 हजार रुपए |
कुल खर्चा | 75 हजार रुपए |