क्या ज्योति मल्होत्रा पाकिस्तानी जासूस हैं, या मामला कुछ और है? 16 मई को उनकी गिरफ्तारी के बाद से कोई ठोस सबूत नहीं मिला है जो यह साबित कर सके कि वह जासूस हैं। हालांकि, उनके पाकिस्तानी दूतावास के एक कर्मचारी से संबंध के सबूत मिले हैं। क्या वह सोशल मीडिया के खेल का शिकार हो गईं? आइए जानते हैं पूरी कहानी।
ज्योति मल्होत्रा के कई वीडियो ब्लॉग्स यूट्यूब पर उपलब्ध हैं। उन पर पाकिस्तानी जासूस होने का आरोप है, जिसमें कहा गया है कि उनका संबंध नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास के कर्मचारी दानिश से है। दानिश को जासूसी के आरोप में 13 मई को भारत छोड़ने के लिए कहा गया था। एफआईआर के अनुसार, दानिश ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के तीन जासूसों के साथ ज्योति से मुलाकात की थी।
अब सवाल यह है कि क्या ज्योति ने इन जासूसों को कोई खुफिया जानकारी दी थी? हिसार के एसपी शशांक कुमार ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद भी उनके पास कोई ठोस सबूत नहीं है। उन्होंने बताया कि ज्योति के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच चल रही है।
ज्योति की कहानी जटिल है। यह सच है कि उन्होंने पाकिस्तान की यात्रा की और दानिश से दोस्ती की। लेकिन क्या उन्होंने कोई खुफिया जानकारी दी? यह अभी भी स्पष्ट नहीं है। उनके ट्रैवल ब्लॉग में भारत के विभिन्न स्थानों की जानकारी है, जो पाकिस्तानी जासूसों के लिए उपयोगी हो सकती है।
ज्योति ने पहली बार 2023 में पाकिस्तान का दौरा किया था। बैसाखी के अवसर पर, उन्होंने वहां 14 दिन बिताए। इसके बाद, 2024 में भी उन्होंने पाकिस्तान का दौरा किया। उनकी यात्रा के बाद, खुफिया ब्यूरो ने उन पर नजर रखना शुरू कर दिया।
ज्योति के यूट्यूब चैनल पर लगभग चार लाख सब्सक्राइबर हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे व्लॉगर्स बिना किसी गोपनीय जानकारी के भी दुश्मन देशों को मदद कर सकते हैं। अब देखना यह है कि इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की जांच के बाद ज्योति का क्या सच सामने आता है।