इंटरनेशनल न्यूज. गाज़ा पट्टी एक बार फिर से हिंसा की चपेट में आ गई है। गाज़ा प्रशासन के अनुसार, इजरायल ने रात और सुबह के समय कई हवाई हमले किए, जिनमें कम से कम 45 लोगों की जान चली गई। मृतकों में महिलाएं और एक सप्ताह का नवजात शिशु भी शामिल है। इन हमलों की आवाज़ अब अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंच चुकी है, जिससे हालात पर चिंता व्यक्त की जा रही है। गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय, जो हमास के नियंत्रण में है, का कहना है कि 7 अक्टूबर 2023 से शुरू हुए संघर्ष में अब तक 53,500 से अधिक लोग मारे गए हैं या लापता हैं। इन आंकड़ों की स्वतंत्र पुष्टि करना संभव नहीं है, लेकिन तस्वीरें और रिपोर्ट्स इस त्रासदी की भयावहता को दर्शा रही हैं।
इजरायल का कहना है कि वह नागरिकों की हताहत होने से बचने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है। उनका आरोप है कि हमास जानबूझकर नागरिक इलाकों—जैसे अस्पतालों, स्कूलों और शिविरों—से हमले करता है और अपने ठिकाने वहीं बनाता है। इसी रणनीति के कारण निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं। इस संघर्ष की शुरुआत 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा किए गए बड़े आतंकी हमले से हुई थी, जिसके बाद इजरायल ने गाज़ा में जवाबी सैन्य कार्रवाई शुरू की, जो अब तक जारी है। इस युद्ध ने गाज़ा पट्टी को बुरी तरह प्रभावित किया है—हजारों लोग बेघर हो चुके हैं और बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान हुआ है।
वेटिकन से पोप लियो ने गाज़ा के लिए मानवीय सहायता की अपील की है। सेंट पीटर्स स्क्वायर में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गाज़ा की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है और वहां सबसे अधिक परेशानी बुजुर्गों, बीमारों और बच्चों को हो रही है। उन्होंने इजरायल से अनुरोध किया कि वह गाज़ा में मदद पहुंचाने की अनुमति दे। गाज़ा की त्रासदी हर दिन एक नया दर्द लेकर आती है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपेक्षा की जा रही है कि वह इस मानवीय संकट को समाप्त करने के लिए आगे आए। जब तक संघर्ष जारी रहेगा, मासूमों की जानें यूं ही जाती रहेंगी।