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आज से जैसलमेर में जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक शुरू हो गई है, जिसमें कल, 21 दिसंबर को महत्वपूर्ण निर्णयों की घोषणा की जाएगी। इस बैठक में पुरानी कारों और उपयोग की गई इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर जीएसटी बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही, तंबाकू और सिगरेट जैसे उत्पादों पर जीएसटी को 7% बढ़ाकर 35% करने की संभावना है। गाड़ियों पर जीएसटी को 12% से बढ़ाकर 18% करने का प्रस्ताव भी है, जिससे सेकंड हैंड गाड़ियों की कीमतें बढ़ सकती हैं।
जीएसटी काउंसिल की बैठक में पुरानी कारों, इलेक्ट्रिक वाहनों, तंबाकू और सिगरेट पर जीएसटी बढ़ाने के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इन परिवर्तनों का सीधा प्रभाव आम जनता पर पड़ेगा, जिससे गाड़ियों की कीमतें बढ़ेंगी। इसके अलावा, सिगरेट और तंबाकू का सेवन करने वालों को भी महंगाई का सामना करना पड़ सकता है।
पुरानी कारों और इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी बढ़ाने का प्रस्ताव जीएसटी फिटमेंट कमेटी द्वारा प्रस्तुत किया गया है। वर्तमान में, अधिकांश पुरानी गाड़ियों पर 12% जीएसटी लागू है। यदि यह प्रस्ताव स्वीकृत होता है, तो पुरानी गाड़ियों की कीमतें बढ़ जाएंगी। एसयूवी पर भी 22% का कम्पेन्सेशन सेस लागू है, जिसके बारे में भी बैठक में चर्चा हो सकती है।
बैठक में जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कर की दर कम करने, महंगी कलाई घड़ियों, जूतों और परिधानों पर कर की दर बढ़ाने, और अहितकर वस्तुओं के लिए अलग से 35 प्रतिशत कर लगाने पर विचार किया जा सकता है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की इस बैठक में लगभग 148 वस्तुओं के कर दर में बदलाव पर चर्चा होने की संभावना है। इसके अलावा, विमानन उद्योग की परिचालन लागत के एक महत्वपूर्ण घटक, एविएशन टर्बाइन ईंधन (एटीएफ) को जीएसटी के दायरे में लाने पर भी विचार किया जाएगा।
स्विगी और जोमैटो जैसे खाद्य वितरण प्लेटफार्मों पर जीएसटी दर को वर्तमान 18 प्रतिशत (आईटीसी के साथ) से घटाकर 5 प्रतिशत (इनपुट टैक्स क्रेडिट के बिना) करने का प्रस्ताव भी है.