
अपरा एकादशी का महत्व
हिंदू पंचांग में एकादशी का विशेष स्थान है, और हर एकादशी का अपना अलग महत्व और पूजा विधि होती है। इनमें से अपरा एकादशी भगवान विष्णु की विशेष पूजा के लिए जानी जाती है। इस दिन उपवास और पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और भाग्य में वृद्धि होती है। खासकर इस दिन भगवान विष्णु को दो विशेष भोग अर्पित करने से उनकी कृपा अधिक होती है।
भगवान विष्णु को अर्पित करें ये 2 भोग: 1. हलवा (सूजी या गेहूं का हलवा)
- हलवा भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है।
- यह मीठा भोग उनकी कृपा का द्वार खोलता है और परिवार में सुख-शांति लाता है।
- विशेषकर सूजी का हलवा उपवास तोड़ने के लिए शुभ माना जाता है।
2. दूध और घी से बनी खीर
- खीर का भोग भगवान विष्णु के लिए शुद्ध और पौष्टिक माना जाता है।
- दूध और घी से बनी खीर से विष्णु जी प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के कष्ट दूर होते हैं।
- खीर का भोग आर्थिक समृद्धि और घर में खुशहाली लाने वाला होता है।
अपरा एकादशी की पूजा विधि
- दिनभर उपवास रखें और रात को भगवान विष्णु की पूजा करें।
- स्वच्छ और पवित्र स्थान पर भगवान के मंदिर या चित्र के सामने हलवा और खीर का भोग लगाएं।
- ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।
- श्रद्धा और भक्ति भाव से व्रत करें।
अपरा एकादशी के लाभ
- भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- धन-धान्य की वृद्धि होती है।
- शत्रु द्वेष से रक्षा मिलती है।
- पारिवारिक सुख-शांति बनी रहती है।
- पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग खुलता है।
निष्कर्ष
अपरा एकादशी के पावन दिन भगवान विष्णु को हलवा और खीर का भोग अर्पित करें। इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी और श्रीहरि की अपार कृपा बनी रहेगी। श्रद्धा और विश्वास के साथ उपवास करें और भगवान की आराधना करें, सफलता आपके कदम चूमेगी।