टाटा कंपनी के सोलर उत्पादों को उनकी उच्च गुणवत्ता के लिए जाना जाता है। एक सामान्य आवास की बिजली की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए टाटा का 6 किलोवाट सोलर सिस्टम एक उत्कृष्ट विकल्प है।
पेट्रोल, डीजल और कोयले के अत्यधिक उपयोग के कारण पर्यावरण में प्रदूषण बढ़ रहा है। इस स्थिति में, आधुनिक उपकरणों का उपयोग करना आवश्यक है। टाटा पावर सोलर के सोलर उपकरणों का उपयोग करके आप अपनी बिजली की आवश्यकताओं को आसानी से पूरा कर सकते हैं। सोलर सिस्टम स्थापित करने से पहले, यह जानना जरूरी है कि आपके घर में बिजली का लोड कितना है, ताकि सही क्षमता का सोलर सिस्टम लगाया जा सके।
यदि आपके घर में दैनिक बिजली की खपत 30 यूनिट है, तो आप 6 किलोवाट का सोलर सिस्टम स्थापित कर सकते हैं। इस सिस्टम की कुल लागत विभिन्न उपकरणों के प्रकार और क्षमता पर निर्भर करती है। टाटा द्वारा तीन प्रकार के सोलर सिस्टम उपलब्ध हैं: ऑन ग्रिड, ऑफ ग्रिड और हाइब्रिड।
सोलर पैनलों के लिए आप पॉलीक्रिस्टलाइन या मोनोक्रिस्टलाइन पैनल का चयन कर सकते हैं। पैनल से उत्पन्न DC करंट को AC करंट में बदलने के लिए सोलर इन्वर्टर का उपयोग किया जाता है।
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ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम में बैटरी का उपयोग नहीं किया जाता है। इसमें उत्पन्न बिजली को ग्रिड के साथ साझा किया जाता है, और इसकी लागत लगभग 3.50 लाख रुपये तक हो सकती है।
ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम में बैटरी शामिल होती है, जो बिजली को स्टोर करती है। यह सिस्टम उन क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है जहां बिजली की कटौती अधिक होती है। इसकी कुल लागत लगभग 4.50 लाख रुपये तक होती है।
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हाइब्रिड सोलर सिस्टम में ऑन-ग्रिड और ऑफ-ग्रिड दोनों सुविधाएँ होती हैं। इसमें बिजली को ग्रिड के साथ साझा करने के साथ-साथ बैटरी में भी स्टोर किया जा सकता है। इसकी लागत लगभग 6 लाख रुपये तक हो सकती है।
सोलर सिस्टम स्थापित करने से कई फायदे होते हैं, जैसे कि बिजली का बिल काफी कम हो जाता है। टाटा कंपनी के सोलर पैनलों पर 25 साल की वारंटी भी दी जाती है।