(चंडीगढ़ समाचार) चंडीगढ़। चंडीगढ़ में आयोजित महिला समागम में, प्रचारक बहिन सिमरन वर्मा जी ने कहा कि जैसे एक गंदे बर्तन से साफ पानी नहीं भरा जा सकता, वैसे ही मन से नफरत, निंदा, वैर और ईर्ष्या को निकालना आवश्यक है। जब तक हम इन नकारात्मक भावनाओं को दूर नहीं करेंगे, तब तक हमारे मन में प्रेम और नम्रता का विकास नहीं हो सकता। उन्होंने बताया कि ऐसे भावनाओं के कारण व्यक्ति मानसिक रूप से गिरावट की ओर बढ़ता है।
बहिन वर्मा ने जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना धैर्य और सहजता से करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि हम ईश्वर को याद करते हैं, तो दुख हमें उतना प्रभावित नहीं करता जितना हम सोचते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि हमें दिखावे के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए और जो कुछ भी हमें मिला है, उसी में संतुष्ट रहना चाहिए।
समागम में कई बहिनों ने भजनों, कविताओं, स्किट और व्याख्यानों के माध्यम से भक्ति और शिक्षाप्रद भाव प्रस्तुत किए। बहिन वर्मा ने निंदा से बचने की प्रेरणा देते हुए कहा कि हमें किसी की निंदा नहीं करनी चाहिए और न ही सुननी चाहिए।
उन्होंने बुजुर्गों के प्रति सम्मान की आवश्यकता पर भी बल दिया और कहा कि हमें उनके आशीर्वाद का महत्व समझना चाहिए।
इस कार्यक्रम में चंडीगढ़ के जोनल इन्चार्ज श्री ओ.पी. निरंकारी ने बताया कि सत्गुरू माता सुदीक्षा जी ने हमें ब्रह्मज्ञान दिया है और हमें अपने जीवन का उद्देश्य आत्मा को परमात्मा के साथ एक करना है। संयोजक श्री नवनीत पाठक जी ने कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान देने वालों का धन्यवाद किया।