क्रिकेट न्यूज डेस्क।। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। लीग चरण में अब केवल छह मैच बचे हैं और चार प्लेऑफ टीमें निर्धारित हो चुकी हैं। गुजरात टाइटंस (GT), रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB), पंजाब किंग्स (PBKS) और मुंबई इंडियंस (MI) ने प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई कर लिया है।
हालाँकि, कुछ टीमों ने इस सीज़न में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया है। उनकी असफलता का सबसे बड़ा कारण उनके स्टार खिलाड़ियों का औसत प्रदर्शन रहा, खासकर उन खिलाड़ियों का जिन्हें मेगा नीलामी में करोड़ों रुपये खर्च करके टीमों के स्क्वॉड में शामिल किया गया था। ऐसे में आइए एक नजर डालते हैं उन पांच महंगे खिलाड़ियों पर, जिन्होंने फैंस की उम्मीदों को निराश किया और पूरे सीजन पूरी तरह फ्लॉप साबित हुए।
रविचंद्रन अश्विन (चेन्नई सुपर किंग्स) - 9.75 करोड़ रुपये
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन लंबे समय के बाद इस सीजन चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) में लौटे हैं। फ्रेंचाइजी ने उनके लिए 9.75 करोड़ रुपये की बड़ी बोली लगाई और उन्हें टीम में शामिल कर लिया। उम्मीद थी कि अश्विन चेपॉक की स्पिन-अनुकूल पिचों पर अपना पुराना जादू फिर से दिखाएंगे।
हालांकि, यह अनुभवी स्पिनर इस सीजन पूरी तरह फ्लॉप साबित हुआ। अश्विन ने 9 मैचों में केवल 7 विकेट लिए और उनका गेंदबाजी औसत 40.42 रहा। इतना ही नहीं, उनकी इकॉनमी भी निराशाजनक रही जो 9.12 रन प्रति ओवर थी। उनके खराब फॉर्म के कारण टीम प्रबंधन ने उन्हें कई मैचों में प्लेइंग इलेवन से भी बाहर रखा।
मोहम्मद शमी (सनराइजर्स हैदराबाद) - 10 करोड़ रुपये
भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को इस सीजन मेगा ऑक्शन में 10 करोड़ रुपये की भारी भरकम रकम देकर सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) टीम में शामिल किया गया। ऐसी उम्मीदें थीं कि उनका अनुभव और नई गेंद के साथ स्विंग उन्हें SRH का मुख्य हथियार बनाएगी। लेकिन शमी इस सीज़न में बुरी तरह असफल रहे।
शमी ने अब तक खेले 9 मैचों में केवल 6 विकेट लिए हैं। उनका गेंदबाजी औसत 56.16 था, जबकि 11.23 रन प्रति ओवर की इकॉनमी दर चिंताजनक थी। उनके लगातार निराशाजनक प्रदर्शन के कारण टीम प्रबंधन ने हाल के कुछ मैचों में उन्हें प्लेइंग इलेवन से भी बाहर कर दिया। ऐसे में शमी का यह सीजन SRH और उसके फैंस दोनों के लिए निराशाजनक रहा है।
ईशान किशन (सनराइजर्स हैदराबाद) - 11.25 करोड़
आईपीएल 2025 की शुरुआत में धमाकेदार शतक लगाने वाले ईशान किशन से पूरे सीजन काफी उम्मीदें थीं। सनराइजर्स हैदराबाद ने उन्हें 11.25 करोड़ रुपये की भारी भरकम रकम में खरीदा। लेकिन शुरुआती शानदार प्रदर्शन के बाद ईशान अपनी फॉर्म हासिल नहीं कर सके और उनका सीजन औसत दर्जे का रहा।
उन्होंने 12 मैचों की 11 पारियों में केवल 231 रन बनाए, वह भी 25.67 की मामूली औसत से। उनका स्ट्राइक रेट 140.85 था, जो उनकी आक्रामक शैली को दर्शाता था, फिर भी रन बनाने में उनकी निरंतरता की कमी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही थी। भारी कीमत और जिम्मेदारी के बावजूद, ईशान अपनी टीम को शीर्ष पर ले जाने में असफल रहे, जिससे SRH को महत्वपूर्ण क्षणों में परेशानी का सामना करना पड़ा।
वेंकटेश अय्यर (कोलकाता नाइट राइडर्स) - 23.75 करोड़
आईपीएल 2025 मेगा ऑक्शन में वेंकटेश अय्यर की बोली ने सबको चौंका दिया। केकेआर ने उन्हें रिकॉर्ड 23.75 करोड़ रुपये में दोबारा टीम में शामिल किया, जिससे उन पर अच्छा प्रदर्शन करने का काफी दबाव था। लेकिन इस मध्यक्रम बल्लेबाज का बल्ला पूरे सीजन में काफी फीका रहा।
अय्यर ने 7 पारियों में केवल 142 रन बनाए, वह भी 20.28 की औसत और 139.21 की स्ट्राइक रेट से। उनके 6, 3, 60, 45, 7, 14 और 7 के व्यक्तिगत स्कोर दर्शाते हैं कि वह केवल दो पारियों में ही प्रभाव छोड़ पाए तथा शेष समय संघर्ष करते रहे। इतनी बड़ी रकम के बावजूद टीम अपने प्रदर्शन से निराश थी। मध्यक्रम से पारी को मजबूती देने या तेजी से रन बनाने की उम्मीद थी, लेकिन वे निरंतरता बनाए रखने और बड़ा स्कोर बनाने में विफल रहे।
ऋषभ पंत (लखनऊ सुपर जायंट्स) - 27 करोड़
आईपीएल 2025 के सबसे महंगे खिलाड़ी ऋषभ पंत को लखनऊ सुपर जायंट्स (एलएसजी) ने 27 करोड़ रुपये में खरीदा। फ्रेंचाइजी को उम्मीद थी कि पंत न केवल बल्ले से मैच जिताएंगे बल्कि एक प्रेरणादायक कप्तान के रूप में टीम का नेतृत्व भी करेंगे। लेकिन यह सीजन पंत और एलएसजी दोनों के लिए बेहद निराशाजनक रहा है।
बल्लेबाजी की बात करें तो पंत ने 13 मैचों में 13.72 की औसत से 107 रन बनाए हैं, जबकि 09 की स्ट्राइक रेट से सिर्फ 151 रन बनाए हैं। ये आंकड़े उस खिलाड़ी के लिए चौंकाने वाले हैं, जिसे कभी टीम इंडिया के सबसे विस्फोटक बल्लेबाजों में से एक माना जाता था। पूरे सत्र में उनका बल्ला शांत रहा और उन्होंने कोई प्रभावशाली पारी नहीं खेली।
पंत कप्तानी के मोर्चे पर भी विफल रहे। एलएसजी ने टूर्नामेंट की शुरुआत अच्छी की, लेकिन टीम महत्वपूर्ण क्षणों में हार गई और प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो गई। सामरिक निर्णयों की कमी और पंत के व्यक्तिगत प्रदर्शन की विफलता ने टीम की संभावनाओं को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया।