क्रिसमस: एक विशेष दिन की मान्यताएँ और उत्सव
Gyanhigyan May 23, 2025 01:42 PM
क्रिसमस का महत्व

हर वर्ष 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है, जो प्रभु यीशु के जन्म को समर्पित है। ईसाई धर्म के अनुसार, इसी दिन प्रभु यीशु का जन्म हुआ था। इस खुशी के मौके पर, यह पर्व विश्वभर में उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस लेख में, हम क्रिसमस से जुड़ी मान्यताओं पर चर्चा करेंगे।

बड़ा दिन: क्रिसमस का नामकरण
क्रिसमस को 'बड़ा दिन' कहा जाता है, क्योंकि ईसाई कैलेंडर में 25 दिसंबर की तारीख विशेष महत्व रखती है। इस दिन, ईसाई धर्म के अनुयायी विशेष प्रार्थनाएँ करते हैं और सुख-शांति का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। चर्च को इस दिन विशेष रूप से सजाया जाता है और लोग मिलकर इस पर्व का आनंद लेते हैं।

क्रिसमस की विशेष परंपराएँ
क्रिसमस का त्योहार कई दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान, ईसाई अनुयायी अपने दोस्तों और परिवार के घर जाकर कैरोल्स गाते हैं और प्रार्थना करते हैं। 24 और 25 दिसंबर की रात को चर्च में प्रभु यीशु के जन्म से संबंधित झांकियाँ सजाई जाती हैं और धार्मिक गीत गाए जाते हैं।

इसके अलावा, दूसरे दिन लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं और उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। इस शुभ अवसर पर, लोग गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करते हैं और उन्हें भोजन प्रदान करते हैं।

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