अपरा एकादशी: पूजा का महत्व और इस दिन क्या न करें
newzfatafat May 23, 2025 07:42 PM
अपरा एकादशी का महत्व

23 मई 2025 को अपरा एकादशी का पर्व मनाया जाएगा, जो ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में आता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-शांति का संचार होता है। अपरा एकादशी स्थिरता और संतुलन लाने का कार्य करती है। इस दिन उत्तरभाद्रपद नक्षत्र शाम 4:02 बजे तक रहेगा, इसके बाद रेवती नक्षत्र का आगमन होगा। प्रीति योग शाम 6:37 तक रहेगा, इसके बाद आयुष्मान योग का समय आएगा। इस पवित्र दिन पर उपवास और पूजा का विशेष महत्व है, लेकिन कुछ कार्यों से बचना आवश्यक है।


पूजा का मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, अपरा एकादशी की तिथि 22 मई 2025 को दोपहर 1:12 बजे से शुरू होगी और 23 मई 2025 को रात 10:29 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के कारण यह व्रत 23 मई को मनाया जाएगा। पूजा के लिए सबसे शुभ समय ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4:04 बजे से शाम 4:45 बजे तक) है। इसके अतिरिक्त, अभिजीत मुहूर्त (सुबह 11:57 से दोपहर 12:50 तक) भी पूजा के लिए उपयुक्त है। यह व्रत 24 मई को प्रातः 5:26 बजे से 8:11 बजे तक रखा जाएगा। सूर्योदय से सुबह 10:35 बजे तक का समय भी पूजा के लिए शुभ है। इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा पीले वस्त्र, फूल, चंदन और तुलसी से करें।


अपरा एकादशी का महत्व

अपरा एकादशी का अर्थ है 'अत्यधिक पुण्य'। पुराणों के अनुसार, यह व्रत गंगा स्नान, पिंडदान और यज्ञ के समान फल प्रदान करता है। यह व्रत हत्या, निंदा और झूठ बोलने जैसे पापों को समाप्त करता है। भगवान विष्णु की पूजा से धन, सफलता और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत नौकरी, व्यापार और रिश्तों से जुड़ी समस्याओं को हल करता है। अपरा एकादशी मन को शांत और सकारात्मक बनाती है। इस दिन अन्न, वस्त्र या जल का दान करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। पौराणिक कथा के अनुसार, इस व्रत के माध्यम से एक राजा राक्षस योनि से मुक्त हुआ था, जिससे इसकी महिमा और बढ़ जाती है।


अपरा एकादशी के दिन न करें ये काम

  • यह दिन धार्मिकता का है। मांस, मछली, अंडे या शराब का सेवन वर्जित है।

  • इस दिन झूठ बोलना, बहस करना या क्रोध करना मना है। यह दिन शांति और सकारात्मकता के लिए है। बहस करने से उपासना का फल कम हो सकता है।

  • किसी की निंदा या बुराई करने से बचें।

  • लहसुन, प्याज, मसालेदार भोजन या बासी भोजन का सेवन न करें। इस दिन चावल का सेवन भी नहीं करना चाहिए।

  • इस दिन नाखून काटना, बाल कटवाना या दाढ़ी बनाना अशुभ माना जाता है।


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