ट्रंप सरकार का नया आदेश: हार्वर्ड बताए कौन-कौन विदेशी छात्र है एक्टिविस्ट, हार्वर्ड ने किया ट्रंप प्रशासन पर मुकदमा
Navjivan Hindi May 24, 2025 03:42 AM

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने उस फ़ैसले पर ट्रम्प प्रशासन पर मुकदमा दायर किया है, जिसमें उन्होंने आइवी लीग स्कूल की अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को दाखिला देने की क्षमता को रद्द करने का फ़ैसला किया था। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, बोस्टन संघीय अदालत में दायर की गई शिकायत में, हार्वर्ड ने इस निरस्तीकरण को अमेरिकी संविधान के पहले संशोधन और अन्य संघीय कानूनों का “स्पष्ट उल्लंघन” बताया। इसने यह भी बताया कि निरस्तीकरण का विश्वविद्यालय और 7,000 से अधिक वीज़ा धारकों पर “तत्काल और विनाशकारी प्रभाव” पड़ा है।

यह कदम ट्रम्प प्रशासन द्वारा संघीय छात्र और विनिमय आगंतुक कार्यक्रम (SEVP) के तहत विदेशी छात्रों को दाखिला देने के हार्वर्ड के प्राधिकरण को रद्द करने के कुछ ही घंटों बाद उठाया गया। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को पिछले पांच सालों में किसी भी अंतरराष्ट्रीय छात्र द्वारा विरोध प्रदर्शन की ऑडियो और वीडियो क्लिप सहित सभी रिकॉर्ड और उनके पूर्ण अनुशासनात्मक रिकॉर्ड अमेरिका के गृह विभाग को सौंपने के लिए 72 घंटे का वक्त दिया गया है। और यह समय सीमा गुरुवार, 22 मई, 2025 से शुरू हो चुकी है।

अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय के करीब 6000 छात्रों पर अब यह तलवार लटक रही है कि अगर उन्हें अपनी पढ़ाई पूरी करनी है तो उन्हें अब अमेरिका के दूसरे विश्वविद्यालयों में दाखिल लेना पड़ेगा। इन छात्रों में करीब 800 भारतीय और कोई 1000 चीनी छात्र भी हैं। दरअसल ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय की उस मान्यता को खत्म कर दिया है जिसके तहत वहां अंतरराष्ट्रीय छात्र पढ़ने आ सकते थे।

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने उस फ़ैसले पर ट्रम्प प्रशासन पर मुकदमा दायर किया है, जिसमें उन्होंने आइवी लीग स्कूल की अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को दाखिला देने की क्षमता को रद्द करने का फ़ैसला किया था। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, बोस्टन संघीय अदालत में दायर की गई शिकायत में, हार्वर्ड ने इस निरस्तीकरण को अमेरिकी संविधान के पहले संशोधन और अन्य संघीय कानूनों का “स्पष्ट उल्लंघन” बताया। इसने यह भी बताया कि निरस्तीकरण का विश्वविद्यालय और 7,000 से अधिक वीज़ा धारकों पर “तत्काल और विनाशकारी प्रभाव” पड़ा है।

यह कदम ट्रम्प प्रशासन द्वारा संघीय छात्र और विनिमय आगंतुक कार्यक्रम (SEVP) के तहत विदेशी छात्रों को दाखिला देने के हार्वर्ड के प्राधिकरण को रद्द करने के कुछ ही घंटों बाद उठाया गया। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को पिछले पांच सालों में किसी भी अंतरराष्ट्रीय छात्र द्वारा विरोध प्रदर्शन की ऑडियो और वीडियो क्लिप सहित सभी रिकॉर्ड और उनके पूर्ण अनुशासनात्मक रिकॉर्ड अमेरिका के गृह विभाग को सौंपने के लिए 72 घंटे का वक्त दिया गया है। और यह समय सीमा गुरुवार, 22 मई, 2025 से शुरू हो चुकी है।

अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय के करीब 6000 छात्रों पर अब यह तलवार लटक रही है कि अगर उन्हें अपनी पढ़ाई पूरी करनी है तो उन्हें अब अमेरिका के दूसरे विश्वविद्यालयों में दाखिल लेना पड़ेगा। इन छात्रों में करीब 800 भारतीय और कोई 1000 चीनी छात्र भी हैं। दरअसल ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय की उस मान्यता को खत्म कर दिया है जिसके तहत वहां अंतरराष्ट्रीय छात्र पढ़ने आ सकते थे।

गौरतलब  है कि अमेरिका के विभिन्न विश्वविद्यालयों में दाखिले की प्रक्रियाएं मार्च महीने में ही पूरी हो चुकी हैं और इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि आखिर किस तरह हार्वर्ड के छात्र दूसरे विश्वविद्यालयों में प्रवेश ले पाएंगे। इमिग्रेशन अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका के गृह मंत्रालय ने इस काम के लिए यूं तो कोई मीयाद तय नहीं की है, लेकिन लगता है कि छात्रों को वैकल्पिक विश्वविद्यालय चुनने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा।

हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अखबार क्रिमसन हार्वर्ड ने एक संपादकीय में उम्मीद जताई है कि विश्वविद्यालय ट्रंप प्रशासन के इस आदेश को अदालत में चुनौती देगा। अखबार ने कई अंतरराष्ट्रीय छात्रों की बातचीत का हवाल देते हुए लिखा है कि सरकार के इस आदेश के बाद छात्र घबराए हुए हैं। ऐसे ही एक छात्र कार्ल मोल्डन ने कहा है कि, “सरकार हमें अब दूसरे विश्वविद्यालय में जाने को कह रही है। इस तरह हमें अब नए सिरे से प्रवेश की पूरी प्रक्रिया से दोचार होना पड़ेगा।, विश्वविद्यालय चुनना होगा, अपने एकेडमिक क्रेडिट को ट्रांसफर करना होगा, और सबसे बड़ी बात हमारे सारे दोस्त हमसे बिछड़ जाएंगे। ऐसा लगता है जैसे मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा हो....।”

एसईवीपी सर्टिफिकेशन यानी स्टूडेंट्स एक्सचेंज एंड विजिटर्स प्रोग्राम अमेरिका में गृह विभाग जारी करता है, इससे कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को अपने यहां अंतरराष्ट्रीय छात्रों को एफ-1 और एम-1 वीजा पर पंजीकरण करने का अधिकार मिल जाता है। इस सर्टिफिकेशन के बिना कोई भी शैक्षणिक संस्थान छात्रों को पंजीकरण का प्रमाण – फॉर्म आई-20 जारी नहीं कर सकता। इस तरह शैक्षणिक संस्थान को अपने छात्रों और विजिटर्स का हिसाब-किताब रखना अनिवार्य होता है।

दरअसल अमेरिका गृह विभाग ने गुरुवार को एसईवीपी सर्टिफिकेशन को रद्द कर दिया था। अमेरिकी सरकार ने यह फैसला विश्वविद्यालय के उस ऐलान के तीन सप्ताह बाद किया है जिसमें कहा गया था कि उसने गृह विभाग द्वारा मांगे गए अंतरराष्ट्रीय छात्रों के विरोध प्रदर्शन आदि के ब्योरे को विभाग को आंशिक रूप से मुहैया करा दिया है। लेकिन सरकार के नए फैसले से अगले सप्ताह होने वाले ग्रेजुएशन सेरेमनी से पहले ही छात्रों में घबराहट फैल गई है।

फिलहाल गृह विभाग के फैसले पर हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने कोई टिप्पणी नहीं की है कि इससे विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों और छात्रों की पढ़ाई पर किस तरह का असर पड़ेगा। अलबत्ता हार्वर्ड के प्रवक्ता जेसन ए न्यूटन ने लिखा है कि गृह विभाग का फैसला गैरकानूनी है और हार्वर्ड अंतरराष्ट्रीय छात्रों और विद्यार्थियों को अपने यहां आमंत्रित करने को पूरी तरह संकल्पबद्ध है।

इस मामले पर हार्वर्ड लॉ स्कूल के छात्र रहे और इमिग्रेशन अधिकारी भुवन विजय ने क्रिमसन से बातचीत में कहा कि जब तक गृह विभाग अपने फैसले को नहीं बदलता तब तक अगले सत्र में विश्वविद्यालय आने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्र संशय में रहेगे। उन्होंने कहा कि अगर फैसला नहीं बदला तो हार्वर्ड छात्रों को प्रवेश नहीं दे सकेगा।

अहम बात यह है कि हार्वर्ड का एसईवीपी स्टेटस रद्द होने से छात्रों का वीजा रद्द नहीं होगा। उन्होंने कहा कि छात्रों को वैकल्पिक व्यवस्थाओं के लिए कुछ समय अवश्य दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऐसी स्थिति आती है तो हम छात्रों को यही राय देते हैं कि जितनी जल्द ही सके वे दूसरे विश्वविद्यालय में ट्रांसफर ले लें।

© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.