CBI को मिली बड़ी सफलता, अंगद सिंह चंडोक को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया गया
Webdunia Hindi May 24, 2025 11:42 PM

Angad Singh Chandok extradiction to India : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को शनिवार को उस समय बड़ी सफलता मिली जब भारत में कथित धोखाधड़ी के मामले में वांछित अंगद सिंह चंडोक को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया। वह आज सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा और उसे सीबीआई की हिरासत में ले लिया गया।

अमेरिकी न्याय विभाग ने 2022 में चंडोक को दोषी ठहराए जाने के बाद एक बयान में कहा था कि एक अमेरिकी अदालत ने 2022 में चंडोक को प्रौद्योगिकी की मदद से किए गए एक अंतरराष्ट्रीय घोटाले में शामिल होने के लिए दोषी ठहराया। इस घोटाले के जरिए अमेरिकियों से उनकी जीवन भर की बचत ठग ली गई। इनमें से अधिकतर पीड़ित बुजुर्ग थे। चंडोक को सीबीआई द्वारा समन्वित एक अभियान के तहत अमेरिका से प्रत्यर्पित कर यहां लाया गया।

अमेरिकी न्याय विभाग के बयान में कहा गया कि अमेरिकी अटॉर्नी जैकरी ए. कुन्हा ने घोषणा की अमेरिका में शरण मांगने वाले एक भारतीय नागरिक ने यह सुनिश्चित करने में भूमिका निभाई कि एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन योजना अमेरिकियों को धोखा देने में सफल रहे। इन पीड़ित अमेरिकियों में कई बुजुर्ग हैं। उनकी जीवन भर की बचत को हड़पने के दोषी को संघीय जेल में छह साल के कारावास की सजा सुनाई गई है। वह धोखाधड़ी के मामलों में भारत में भी वांछित है।

बयान में कहा गया कि चंडोक ने कैलिफोर्निया में लंबे समय तक जारी और जटिल धनशोधन नेटवर्क का संचालन किया, जिसमें उसने एक ऑनलाइन तकनीकी सहायता योजना और बाद में एक ऑनलाइन यात्रा शुल्क योजना के माध्यम से अमेरिकियों से ठगे गए लाखों डॉलर को स्थानांतरित करने के लिए मुखौटा कंपनियां बनाईं और उनका उपयोग किया। चंडोक के निर्देश पर कम से कम पांच अन्य लोग काम कर रहे थे और वह इस योजना से उच्च स्तर पर जुड़े अंतरराष्ट्रीय सदस्यों के सीधे संपर्क में था।

कौन है अंगद सिंह चंडोक : अंगद सिंह चंडोक एक भारतीय नागरिक है। उस पर अमेरिकी नागरिकों से ऑनलाइन टेक सपोर्ट योजना के माध्यम से लाखों डॉलर की चोरी करने का आरोप है। इस पैसे को शेल कंपनियों के माध्यम से भारत और अन्य देशों में ट्रांसफर किया था। बताया जाता है कि चंडोक ने शेल कंपनियां बनाईं और उनका इस्तेमाल अमेरिकियों से ऑनलाइन टेक सपोर्ट स्कीम के माध्यम से चोरी किए गए लाखों डॉलर को ट्रांसफर करने के लिए किया। इसको अमेरिकी अदालत की भी दोषी ठहरा चुकी है।

edited by : Nrapendra Gupta

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