उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति’ से प्रभावित होकर तथा नक्सलियों की अमानवीय, आधारहीन विचारधारा और उनके शोषण से तंग आकर आज एक महिला समेत 18 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से पीएलजीए बटालियन नंबर एक के सदस्य मड़कम आयता (25) और भास्कर उर्फ भोगाम (26) पर 8-8 लाख रुपए का इनाम था। वहीं, नक्सली सदस्य मड़कम देवे (25) और लक्ष्मण (28) पर 5-5 लाख रुपए का इनाम था।
उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले हेमला मंगलू (33), कुंजाम भीमा (36), मड़कम भीमा (25), मुचाकी मंगा (39), कोरसा संतोष (25) और तेलाम माड़ा (35) पर दो-दो लाख रुपये तथा डोडी मंगलू (51) पर एक लाख रुपये का इनाम था।
अधिकारियों के अनुसार, राज्य सरकार के नक्सल सदस्य मुक्त ग्राम पंचायत अभियान के तहत यह सफलता मिली है। छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल सदस्य मुक्त प्रत्येक ग्राम पंचायत को विकास कार्य के लिए एक करोड़ रुपये प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है।
उन्होंने बताया कि समर्पण करने वाले नक्सलियों को ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति -2025’ के तहत 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
edited by : Nrapendra Gupta