भारतीय सेना द्वारा संचालित ऑपरेशन सिंदूर का प्रतीक चिन्ह, जो पहलगाम में आतंकवादी हमले में अपने जीवनसाथी को खोने वाली महिलाओं के दर्द को दर्शाता है, दो सैन्य अधिकारियों द्वारा तैयार किया गया है। यह प्रतीक अब देश की चेतना में गहराई से समाहित हो चुका है। इसमें एक छोटी कटोरी में सिंदूर (जो विवाहित हिंदू महिलाएं लगाती हैं) पहले 'O' का निर्माण करता है, जबकि दूसरा 'O' इसके चारों ओर सिंदूर की छींटों से सजाया गया है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सेना की पत्रिका 'बातचीत' के नवीनतम अंक में इस महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाई का प्रतीक चिन्ह लेफ्टिनेंट कर्नल हर्ष गुप्ता और हवलदार सुरिंदर सिंह द्वारा डिजाइन किया गया है। पत्रिका में दोनों अधिकारियों की तस्वीरें भी शामिल हैं, जिसमें वे इस प्रसिद्ध प्रतीक के साथ खड़े हैं। पत्रिका का पहला पृष्ठ ऑपरेशन सिंदूर के प्रतीक चिन्ह से सजाया गया है, जिसके ऊपर भारतीय सेना का प्रतीक चिह्न है।
पहलगाम हमला: एक क्रूर त्रासदी
22 अप्रैल 2025 को देश ने एक भयानक हिंसक घटना का सामना किया, जिसमें पांच आतंकवादियों ने धर्म के नाम पर 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी। यह घटना पहलगाम की बैसारन घाटी में हुई, जहां पर्यटक जीवन का जश्न मना रहे थे। इस घटना ने आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के हमारे संकल्प को और मजबूत किया है। पत्रिका में 'पहलगाम' शीर्षक के तहत इस घटना के बाद की तस्वीरें, ताबूतों की कतारें और एक पीड़ित के अंतिम संस्कार की भावनात्मक विदाई की छवियां भी शामिल हैं।
ऑपरेशन का नामकरण
इस महीने की शुरुआत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुझाया था। राजनाथ सिंह ने गुजरात के भुज वायु सेना स्टेशन पर सैनिकों से बातचीत के दौरान कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया। आपने जो हासिल किया, उसने हर भारतीय को गर्व से भर दिया। भारतीय वायु सेना ने मात्र 23 मिनट में पाकिस्तान में आतंकवाद को ध्वस्त कर दिया।'
आतंकवाद के खिलाफ भारत का संकल्प
ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का प्रतीक है। यह प्रतीक चिन्ह न केवल सैन्य कार्रवाई की ताकत को दर्शाता है, बल्कि उन परिवारों के दर्द को भी व्यक्त करता है, जिन्होंने इस हमले में अपने प्रियजनों को खोया। भारतीय सेना की यह पहल देशवासियों में एकता और साहस का संदेश देती है।