यह प्रशंसा ओवैसी द्वारा कुवैत में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के बारे में बोलने के बाद हुई। उन्होंने पाकिस्तान में रह रहे हिंदू, सिख और ईसाई समुदायों के साथ हो रहे बुरे व्यवहार पर खुलकर बात की। यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पाकिस्तान अक्सर यह दिखाने की कोशिश करता है कि भारत में मुसलमानों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं होता।
ओवैसी ने विदेश में जाकर पाकिस्तान के इस झूठ को उजागर किया, यह बताते हुए कि असली समस्या पाकिस्तान में है, जहाँ अल्पसंख्यकों को सताया जाता है। रिजिजू ने ओवैसी के इस कदम की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने पाकिस्तान के पाखंड को दुनिया के सामने लाया है।
यह घटना दर्शाती है कि भले ही राजनीतिक असहमतियाँ हों, जब देश की गरिमा या किसी महत्वपूर्ण मुद्दे की बात आती है, तो नेता मतभेद भुलाकर सच्चाई का समर्थन कर सकते हैं। ओवैसी ने पाकिस्तान के खिलाफ आवाज उठाई और रिजिजू ने इसकी सराहना की, जो यह दर्शाता है कि इस मुद्दे पर नेताओं के बीच एक प्रकार की सहमति है।