शादी के उपहार में बम: 25 फरवरी 2018 को ओडिशा के बोलांगिर जिले में एक नवविवाहित जोड़े की जिंदगी में एक भयानक मोड़ आया। सॉफ्टवेयर इंजीनियर सौम्य शेखर साहू को उनकी शादी के पांच दिन बाद एक पार्सल मिला, जिसे उन्होंने उपहार समझकर खोला। जैसे ही उन्होंने डिब्बा खोला, एक जोरदार धमाका हुआ। इस विस्फोट में सौम्य और उनकी 85 वर्षीय दादी जेनामणि की जान चली गई, जबकि उनकी पत्नी रीमा गंभीर रूप से घायल हो गईं।
इस दिल दहला देने वाली घटना की प्रारंभिक जांच स्थानीय पुलिस ने की, लेकिन बाद में मामला ओडिशा क्राइम ब्रांच को सौंपा गया। सात साल की लंबी जांच के बाद पता चला कि यह पार्सल पंजीलाल मेहर नामक एक अंग्रेजी के व्याख्याता ने भेजा था। उसका उद्देश्य अपने पूर्व सहयोगी और कॉलेज प्रिंसिपल संजुक्ता साहू से बदला लेना था, जो सौम्य की मां थीं और जिनसे उसकी प्रोन्नति को लेकर पुरानी रंजिश थी।
ऑनलाइन ट्रेनिंग से बम बनाने की कला सीखी: मेहर ने दिवाली के समय से पटाखे इकट्ठा करना शुरू किया और इंटरनेट के माध्यम से विस्फोटक बनाने की विधि सीखी। उसने पहले टेस्ट बम बनाए और फिर एक कार्डबोर्ड बॉक्स में विस्फोटक को 'गिफ्ट' के रूप में पैक किया। इसके बाद वह रायपुर गया, जहां से उसने एक कूरियर ऑफिस से पार्सल भेजा, जिसमें CCTV नहीं लगे थे। उसने नाम और पता फर्जी दिया - 'एसके शर्मा'।
पुलिस की मेहनत रंग लाई: जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी का मोबाइल, लैपटॉप, पेन ड्राइव और हार्ड डिस्क जब्त की। कूरियर कंपनी के CCTV फुटेज भी खंगाले गए। एक अनाम पत्र भी मिला, जिसे आरोपी ने पुलिस को गुमराह करने के लिए भेजा था। वरिष्ठ आईपीएस अरुण बोथरा ने बताया, 'पत्र की अंग्रेजी और उसकी शैली ने हमें बताया कि लेखक कोई पढ़ा-लिखा व्यक्ति है। इसी से मेहर पर शक गहराया।'
आजीवन कारावास की सजा: कोर्ट ने आरोपी प्रोफेसर को आजीवन कारावास और ₹50,000 जुर्माने की सजा सुनाई। सौम्य की मां संजुक्ता साहू ने कोर्ट के फैसले पर संतोष जताया, 'हमें न्याय मिला है, लेकिन जो खोया है वो कभी वापस नहीं आएगा।'