देशभर में शिक्षक बनने का सपना देखने वाले लाखों युवाओं के लिए बीएड (B.Ed) कोर्स हमेशा से पहली पसंद रहा है। लेकिन अब नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने बीएड कोर्स को लेकर कई बड़े बदलावों की घोषणा की है।
इन बदलावों के तहत बीएड कोर्स की संरचना, प्रवेश प्रक्रिया, कॉलेजों की मान्यता और सीटों की संख्या समेत कई नियमों में बदलाव किए गए हैं। इन नए नियमों का मुख्य उद्देश्य शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुरूप बनाना है।
NCTE की नई गाइडलाइन के अनुसार, अब बीएड कोर्स केवल मल्टीडिसिप्लिनरी (बहुविषयक) संस्थानों में ही संचालित होंगे। अकेले बीएड कॉलेजों को बंद करने या उन्हें पास के डिग्री कॉलेज में मर्ज करने का निर्देश दिया गया है।
साथ ही, बीएड कोर्स में प्रवेश के लिए सीटों की संख्या सीमित कर दी गई है और कोर्स की अवधि व संरचना में भी बदलाव किए गए हैं। इन नियमों से देश के 15,000 से अधिक बीएड कॉलेज और लाखों विद्यार्थियों पर असर पड़ेगा।
इस लेख में हम आपको NCTE की ओर से जारी बीएड कोर्स की नई गाइडलाइन, नियमों में हुए बदलाव, प्रवेश प्रक्रिया, ITEP कोर्स, राज्यवार प्रभाव, और छात्रों के लिए जरूरी सुझाव आसान हिंदी में विस्तार से बताएंगे।
विशेषता | विवरण |
गाइडलाइन जारी करने वाली संस्था | NCTE (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) |
लागू सत्र | 2025-26 |
मुख्य बदलाव | केवल मल्टीडिसिप्लिनरी कॉलेजों में बीएड कोर्स |
अकेले बीएड कॉलेज | 3-10 किमी के भीतर डिग्री कॉलेज से मर्ज होंगे |
सीटों की संख्या | 50 छात्र प्रति कोर्स |
नया कोर्स | 4 साल का ITEP (इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम) |
प्रवेश प्रक्रिया | NCET (नेशनल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) के जरिए |
एक वर्षीय बीएड | 2026-27 से 4 वर्षीय ग्रेजुएट्स के लिए |
2 वर्षीय बीएड | 2025-26 तक 3 वर्षीय ग्रेजुएट्स के लिए जारी |
उद्देश्य | शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना |
नई गाइडलाइन के अनुसार, अब बीएड कोर्स केवल उन्हीं कॉलेजों में संचालित होंगे जो मल्टीडिसिप्लिनरी यानी बहुविषयक हैं—जैसे बीए, बीएससी, बीकॉम, बी.एड आदि एक ही परिसर में उपलब्ध हों। अकेले बीएड कॉलेजों को या तो बंद करना होगा या पास के डिग्री कॉलेज में मर्ज करना होगा।
शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए अब हर बीएड कोर्स में अधिकतम 50 छात्रों को ही प्रवेश दिया जाएगा। इससे स्टूडेंट-टीचर रेश्यो बेहतर होगा, फैकल्टी पर बोझ कम होगा और छात्रों को व्यक्तिगत मार्गदर्शन मिलेगा।
जो बीएड कॉलेज संसाधनों की कमी या कम नामांकन के कारण बंद होने की कगार पर हैं, वे पास के मल्टीडिसिप्लिनरी कॉलेज के साथ समझौता कर सकते हैं। इससे दोनों कॉलेज साझा रूप से फैकल्टी, लाइब्रेरी, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि का उपयोग कर सकते हैं।
NCTE ने दो वर्षीय बीएड और पुराने चार वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स (BA-B.Ed, BSc-B.Ed) को बंद कर दिया है। अब चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) लागू किया गया है।
अब बीएड या ITEP में प्रवेश के लिए नेशनल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (NCET) अनिवार्य है। यह परीक्षा NTA द्वारा आयोजित की जाती है।
NCTE ने घोषणा की है कि 2026-27 से चार वर्षीय ग्रेजुएट्स या पोस्टग्रेजुएट्स के लिए एक वर्षीय बीएड कोर्स फिर से शुरू किया जाएगा। जबकि 3 वर्षीय ग्रेजुएट्स के लिए दो वर्षीय बीएड 2025-26 तक जारी रहेगा।
NCTE की तरफ से बीएड कोर्स के लिए जारी नई गाइडलाइन और नियम बदलाव शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम हैं। इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि भविष्य के शिक्षकों को व्यावहारिक और समग्र प्रशिक्षण भी मिलेगा।
छात्रों को सलाह है कि वे नए नियमों के अनुसार ही अपनी योजना बनाएं और समय पर प्रवेश प्रक्रिया पूरी करें।
अस्वीकरण: यह लेख NCTE द्वारा जारी नई बीएड गाइडलाइन, आधिकारिक नोटिफिकेशन, मीडिया रिपोर्ट्स और उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर तैयार किया गया है।
बीएड कोर्स नियम बदलाव 2025 पूरी तरह असली और लागू होने वाले हैं। कृपया अंतिम और सटीक जानकारी के लिए NCTE या संबंधित विश्वविद्यालय की आधिकारिक सूचना का ही पालन करें।