Jammu-Kashmir: सैकड़ों कश्मीरी पंडित श्रद्धालु जम्मू से खीर भवानी मेले के लिए रवाना
sabkuchgyan June 01, 2025 03:30 PM

Jammu-Kashmir: सैकड़ों कश्मीरी पंडित श्रद्धालु जम्मू से खीर भवानी मेले के लिए रवाना

J&K Kheer Bhawani Fair, (News), श्रीनगर/जम्मू: जम्मू-कश्मीर का प्रसिद्ध खीर भवानी मेला अगले सप्ताह से शुरू होगा और इसमें शामिल होने के लिए आज सुबह जम्मू से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 60 बसों के काफिले में सैकड़ों श्रद्धालु घाटी के लिए रवाना हुए। इनमें अधिकतर कश्मीरी पंडित हैं।

हमेशा की तरह नहीं भीड़, पहलगाम हमला वजह

कश्मीरी पंडित समुदाय के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक खीर भवानी मेला मंगलवार को गंदेरबल के तुलमुल्ला, कुलगाम के मंजगाम और देवसर, अनंतनाग के लोगरीपोरा और कुपवाड़ा के टिक्कर में पांच रागन्या भगवती मंदिरों में आयोजित किया जाएगा। इस साल श्रद्धालुओं की हमेशा की तरह भीड़ नहीं दिखी, जिसका कारण संभवत: पहलगाम आतंकी हमला और उसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई है। आतंकियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में  26 लोगों की हत्या कर दी थी। मारे गए 26 लोगों में ज़्यादातर पर्यटक थे।

तुलमुल्ला स्थित खीर भवानी मंदिर में एकत्र हुए कश्मीरी पंडित

घाटी और देश के अन्य हिस्सों से कश्मीरी पंडित भारी संख्या में तुलमुल्ला स्थित खीर भवानी मंदिर में एकत्र हुए। राहत आयुक्त (प्रवासी) अरविंद करवानी ने जम्मू के उपायुक्त सचिन कुमार वैश्य और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर सुबह जम्मू के बाहरी इलाके नगरोटा से सड़क परिवहन निगम की बसों के काफिले को हरी झंडी दिखाई। श्रद्धालु मंगलवार को मंदिरों में दर्शन करेंगे और एक दिन बाद जम्मू लौटेंगे।

सभी आवश्यक सुरक्षा व्यवस्थाएं की गई : SSP

जम्मू के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जोगिंदर सिंह ने कहा कि तीर्थयात्रियों के लिए सभी आवश्यक सुरक्षा व्यवस्थाएं की गई हैं। राहत आयुक्त करवानी ने कहा, तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और रास्ते में तथा घाटी में रहने-खाने के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं।

श्रद्धालु यात्रा पर जाने को लेकर खुश

श्रीनगर की एक महिला श्रद्धालु ने कहा, मैं खीर भवानी की नियमित आगंतुक हूं और इस बार वहां जाने में कोई डर नहीं है। हम बचपन से ही ऐसी परिस्थितियाँ देखते आ रहे हैं। पहलगाम में जो कुछ भी हुआ, वह बेहद निंदनीय और बर्बर है दिल्ली के एक श्रद्धालु, जो विस्थापित समुदाय के सदस्य हैं, ने कहा कि पहलगाम जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार को अधिक सतर्क रहना चाहिए। एक अन्य गैर-कश्मीरी महिला श्रद्धालु ने कहा कि यह उनकी घाटी की पहली यात्रा है और उनके मन में कोई डर नहीं है। उन्होंने कश्मीरी पंडित से शादी की है।

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