रांची, 1 जून (आईएएनएस)। कोविड के नए वेरिएंट्स के कारण देश भर में संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए झारखंड के अस्पतालों में एहतियाती तौर पर मॉक ड्रिल कराई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के उपायुक्तों और सिविल सर्जनों को स्थिति पर निगरानी और कोरोना से मिलते-जुलते लक्षणों वाले मरीजों की जांच एवं मॉनिटरिंग कराने का निर्देश दिया है।
झारखंड में अब तक कोविड के पांच मामले सामने आए हैं। इनमें से चार मरीज इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके हैं।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा है कि राज्य में फिलहाल पैनिक होने जैसी स्थिति नहीं है, लेकिन एहतियाती तौर पर हर स्थान पर निगरानी रखी जा रही है। कोविड-19 के पहले-दूसरे वेव के दौरान राज्य भर में लगाए गए पीएसए ऑक्सीजन प्लांटों का परीक्षण कराया जा रहा है, ताकि जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन की सप्लाई में बाधा नहीं आए।
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह की ओर से जिलों को भेजे गए निर्देश में कहा गया है कि पिछले कुछ दिनों में कोविड के मामलों में वृद्धि हुई है, जिसे देखते हुए सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है। श्वसन रोग जनक एच-1एन-1 (स्वाइन फ्लू), एच-3एन-2 (इंफ्लूएंजा) आदि वायरस की निरंतर बदलती प्रकृति और कोविड के वेरिएंट के विकास पर भी निगरानी रखने को कहा गया है।
निर्देश में कहा गया है कि अस्पतालों के ओपीडी और आईपीडी में इससे संबंधित आने वाले मरीजों की सतत निगरानी और रिपोर्टिंग हो। इसके साथ ही, इसे सर्विलांस विभाग के पोर्टल पर अपलोड करें।
अस्पतालों में आने वाले पांच प्रतिशत इन्फ्लुएंजा और शत प्रतिशत गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी से संबंधित मरीजों की कोरोना जांच कराने का निर्देश दिया गया है। यह रिपोर्ट इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) को भेजी जाएगी।
यदि किसी को सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द आदि जैसे लक्षण महसूस होते हैं, तो निकटतम स्वास्थ्य केंद्रों में रिपोर्ट करने को कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि भारत में एक्टिव कोविड मामलों की संख्या 4,000 पार कर गई है, जिसमें केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली कोविड की नई लहर में सबसे अधिक प्रभावित राज्य हैं।
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