हल्दी एक पारंपरिक भारतीय मसाला है, जो प्राचीन काल से अपने औषधीय गुणों और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध रहा है। यह रसोई, पूजा-पाठ और आयुर्वेदिक औषधियों में उपयोग की जाती है। इसका वैज्ञानिक नाम Curcuma longa है। हल्दी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते हैं, जो आंतरिक चोटों को ठीक करने में सहायक होते हैं। इसमें कर्क्यूमिन नामक एक सक्रिय तत्व पाया जाता है, जो इसके औषधीय गुणों को और भी प्रभावी बनाता है। हल्दी न केवल खाने का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि त्वचा की रंगत को निखारने का कार्य भी करती है। यह शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करती है और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी मानी जाती है।
हल्दी का उपयोग केवल खाने तक सीमित नहीं है। इसे पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठानों और चोट लगने पर दवा के रूप में भी उपयोग किया जाता है। घरेलू नुस्खों में हल्दी को स्किन केयर के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, और आजकल तो यह कई ब्यूटी प्रोडक्ट्स का भी हिस्सा बन चुकी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पीली हल्दी के अलावा भी हल्दी के कई प्रकार होते हैं, जिनके बारे में बहुत ही कम लोगों को जानकारी होती है।
# लाकाडोंग हल्दी
लाकाडोंग हल्दी मेघालय राज्य के लाकाडोंग नामक गांव से प्राप्त होती है। इसे दुनिया की सर्वश्रेष्ठ हल्दी में से एक माना जाता है, क्योंकि इसमें करक्यूमिन की मात्रा काफी अधिक होती है। इस हल्दी में करक्यूमिन की मात्रा लगभग 7 से 12 प्रतिशत के बीच होती है, जो इसे औषधीय दृष्टिकोण से अत्यंत उपयोगी बनाती है।
# अलेप्पी हल्दी है बेमिसाल
अलेप्पी, केरल का एक छोटा सा शहर है, और यहीं की हल्दी को अलेप्पी हल्दी के नाम से जाना जाता है। इस हल्दी में करक्यूमिन की मात्रा लगभग 5 प्रतिशत होती है। इसे खासतौर पर आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण में प्रयोग किया जाता है, और इसकी गुणवत्ता इसे औषधीय रूप से प्रभावी बनाती है।
# सांगली हल्दी
सांगली हल्दी महाराष्ट्र में पाई जाती है और इसे वर्ष 2018 में इसके औषधीय लाभों के कारण जीआई टैग से सम्मानित किया गया था। इसका रंग गहरा नारंगी या ऑरेंज होता है और यह स्वास्थ्य के लिहाज से अत्यधिक फायदेमंद मानी जाती है। इसका उपयोग औषधीय और व्यावसायिक दोनों रूपों में होता है।
# मद्रास हल्दी
मद्रास हल्दी, जैसा कि नाम से स्पष्ट है, दक्षिण भारत में पाई जाने वाली हल्दी है। इसका रंग हल्का पीला होता है और इसमें केवल 3 प्रतिशत करक्यूमिन पाया जाता है। इसका स्वाद और सुगंध हल्का होता है, जिससे यह हल्दी खासकर व्यंजनों को रंग देने के लिए उपयुक्त मानी जाती है।
# निजामाबाद हल्दी
निजामाबाद हल्दी तेलंगाना राज्य के निजामाबाद जिले में उगाई जाती है। यह हल्दी अपनी उच्च गुणवत्ता और करक्यूमिन स्तर के लिए प्रसिद्ध है। भारत विश्व में हल्दी उत्पादन का 70% से अधिक योगदान करता है और इसमें निजामाबाद हल्दी की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अपनी विशिष्टता के कारण प्रसिद्ध हो चुकी है।