आजकल की अस्वस्थ जीवनशैली, जंक फूड का सेवन और धूम्रपान जैसी आदतों के कारण युवाओं में कोलेस्ट्रॉल की समस्या बढ़ती जा रही है। जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है, तो यह हृदय से संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है। कोलेस्ट्रॉल एक मोम जैसा पदार्थ है, जो लीवर द्वारा निर्मित होता है। इसे दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है: गुड कोलेस्ट्रॉल और बैड कोलेस्ट्रॉल। बैड कोलेस्ट्रॉल रक्त वाहिकाओं में जमकर विभिन्न बीमारियों का कारण बनता है।
1. पैरों का सुन्न होना: कभी-कभी पैर अचानक सुन्न हो जाते हैं, जो कि उच्च कोलेस्ट्रॉल के कारण नसों में रुकावट का संकेत हो सकता है। इससे रक्त प्रवाह में कमी आ जाती है।
2. दिल का दौरा: जब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है, तो यह रक्त वाहिकाओं में रुकावट पैदा कर सकता है, जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
3. उच्च रक्तचाप: कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से रक्तचाप भी बढ़ सकता है। नियमित रूप से रक्तचाप की जांच करना महत्वपूर्ण है।
4. नाखूनों का रंग बदलना: नाखूनों का रंग पीला होना भी उच्च कोलेस्ट्रॉल का संकेत हो सकता है। यह रक्त में बैड कोलेस्ट्रॉल की अधिकता के कारण होता है।
5. बेचैनी: सांस लेने में कठिनाई, जी मिचलाना, थकान और सीने में दर्द भी बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के लक्षण हो सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने के लिए, आपको अपनी डाइट में सैचुरेटेड फैट की जगह अनसैचुरेटेड फैट्स को शामिल करना चाहिए। जैसे कि ऑलिव ऑयल, सूरजमुखी का तेल, नट्स और सीड्स। इसके अलावा, नियमित व्यायाम भी कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है।