शिशु को सही पोजीशन में ब्रेस्टफीडिंग करवाना मां और बच्चे दोनों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। सही पोजीशन न सिर्फ बच्चे को दूध पीने में मदद करती है, बल्कि मां को भी आराम महसूस होता है। अगर आप पहली बार मां बनी हैं तो शायद आप लेड-बैक पोजीशन के बारे में नहीं जानती होंगी। यह पोजीशन अक्सर डॉक्टर और एक्सपर्ट्स द्वारा ब्रेस्टफीडिंग के लिए सुझाई जाती है। आइए जानते हैं लेड-बैक पोजीशन के फायदे और इसे कैसे अपनाएं।
शिशु को मिलने वाले फायदे
लेड-बैक पोजीशन में स्तनपान कराने से शिशु को मां के ब्रेस्ट तक पहुंचने में आसानी होती है। निप्पल को पकड़ना बच्चे के लिए आसान हो जाता है, जिससे वह सही तरीके से दूध पी सकता है। इसके अलावा इस पोजीशन में शिशु के गिरने का खतरा भी काफी कम हो जाता है। शिशु को दूध पचाने में आसानी होती है और उसकी सांस लेने में कोई बाधा नहीं आती।
मां को मिलने वाले फायदे
इस पोजीशन में मां को पीठ, कंधे और गर्दन में तनाव महसूस नहीं होता, इसलिए यह बेहद आरामदायक होती है। मां को कम थकान होती है और वह आराम से ब्रेस्टफीडिंग कर पाती है। मां और बच्चे दोनों के लिए यह पोजीशन स्ट्रेस कम करने वाली होती है।
लेड-बैक पोजीशन कैसे होती है?
लेड-बैक पोजीशन को रिक्लाइंड या लीन-ऑन-बैक पोजीशन भी कहा जाता है। इसके लिए मां को सबसे पहले एक आरामदायक जगह पर आधा लेटना होता है। पीठ के सहारे के लिए तकिया लगाएं ताकि आराम महसूस हो। फिर शिशु को मां के पेट से लगाकर करवट में रखा जाता है और उसका सिर मां के ब्रेस्ट के पास होता है। इस पोजीशन से मां और बच्चे दोनों को आरामदायक ब्रेस्टफीडिंग का अनुभव मिलता है।
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